बिरसा मुंडा का उलगुलान आज भी अधिकार और स्वाभिमान की राह दिखाता है

स्थापना दिवस समारोह में गूंजी धरती आबा की गूंज, टाउन हॉल में श्रद्धा, उत्साह और गौरव का संगम

By Akarsh Aniket | November 15, 2025 9:26 PM

स्थापना दिवस समारोह में गूंजी धरती आबा की गूंज, टाउन हॉल में श्रद्धा, उत्साह और गौरव का संगम प्रतिनिधि, मेदिनीनगर शहर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति भवन (टाउन हॉल) में शनिवार को झारखंड राज्य स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती श्रद्धा, उत्साह और गौरव के साथ मनायी गयी. मुख्य अतिथि पलामू डीसी समीरा एस ने कहा कि झारखंड की संस्कृति, अस्मिता और संघर्ष की पहचान ही स्थापना दिवस का सार है. उन्होंने कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा ने स्वतंत्रता, स्वाभिमान और उलगुलान की जो राह दिखायी, वह आज भी सभी के लिए प्रेरणास्रोत है. डीसी ने बताया कि जिला प्रशासन जनजातीय समाज के अधिकारों और सशक्तीकरण के लिए निष्ठा से कार्य कर रहा है. यह दिन केवल उत्सव का नहीं, बल्कि नये संकल्प लेने का अवसर है. पिछले 25 वर्षों में राज्य ने विकास की अनेक सीढ़ियाँ पार की हैं और उदय योजना के तहत आदिम जनजाति समाज को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण सफलता मिली हैं. उदय योजना के अंतर्गत जिले के 16 प्रखंडों में 21,938 आदिम जनजाति व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया गया है. एसपी रीष्मा रमेशन ने कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा का जीवन साहस, संघर्ष और सामाजिक न्याय का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि पलामू जिला विकास, सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द बनाये रखने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है. पुलिस विभाग शांति और कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए सतत कार्य कर रहा है. डीडीसी मोहम्मद जावेद हुसैन ने कहा कि धरती आबा ने युवाओं को एकजुट कर उलगुलान किया और सफलता हासिल की. आज की युवा पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है.कार्यक्रम के दौरान उदय योजना से संबंधित बुकलेट का विमोचन किया गया. विभिन्न योजनाओं के तहत लाभुकों के बीच परिसंपत्तियां वितरित की गयीं. 24 लाभुकों को सामुदायिक वन पट्टा, मुद्रा लोन और अन्य योजनाओं के लाभ भी प्रदान किये गये, ताकि आजीविका उन्नयन और सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण को गति मिल सके. विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया गया. स्कूलों के छात्र–छात्राओं ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन, संघर्ष, उलगुलान की गौरवगाथा और झारखंडी जनजातीय संस्कृति पर आधारित गीत, नृत्य और नाटक प्रस्तुत किये. अधिकारियों ने प्रदर्शनी-सह वितरण स्टॉल का निरीक्षण किया. मौके पर डीएफओ सत्यम कुमार, अपर समाहर्ता कुंदन कुमार, सदर, छतरपुर व हुसैनाबाद के एसडीओ, एसी हिमांशु लाल सहित कई वरीय अधिकारी, कर्मचारी और छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे.

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