जैन धर्मावलंबियों का 10 दिवसीय पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व शुरू
जैन धर्मावलंबियों का 10 दिवसीय पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व शुरू हुआ
क्रोध पर विजय प्राप्त करने का मार्ग है उत्तम क्षमा : ब्रह्मचारी अनु भैया मेदिनीनगर जैन धर्मावलंबियों का 10 दिवसीय पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व शुरू हुआ. गुरुवार की सुबह में बाजार क्षेत्र के पंचमुहान चौक स्थित जैन मंदिर में विशेष पूजा अनुष्ठान हुआ. भगवान महावीर को विराजमान करने के बाद भक्तों ने पूजा अर्चना की. सरस जैन व उनके परिवार के सदस्यों को प्रथम शांतिधारा व अभिषेक करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. सुभाष जैन रारा व उनके परिवार के सदस्यों को श्रावक श्रेष्ठी बनकर सेवा करने का सौभाग्य मिला. पूजा के दौरान बबीता जैन काला व यश जैन ने संगीत की ध्वनि से वातावरण को भक्तिमय बना दिया. प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी अन्नु भैया ने विधि-विधान से 10 लक्षण धर्म की पूजा संपन्न कराया. पर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म की पूजा हुई. ब्रह्मचारी अनु भैया ने उतम क्षमा धर्म के महत्व व उससे होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया. कहा कि उतम क्षमा धर्म जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण अवधारणा है.अपमान या यातना के बाद भी मन में किसी के प्रति दुर्भावना व द्वेष का भाव नहीं रखते हुए उसे क्षमा करने की प्रवृत्ति ही उत्तम क्षमा धर्म कहलाता है. यह आत्मा का धर्म है, जो सम्यक दर्शन, ज्ञान व चरित्र का भंडार है. उन्होंने कहा कि उत्तम क्षमा धर्म पर्यूषण पर्व का आधार है. यह आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. क्षमा धारण करने वाले व्यक्ति अपने इष्ट कार्यों की सीधी प्राप्त कर सकते हैं. यह धर्म व्यक्ति को क्रोध की अग्नि में जलने से बचाता है. इस तरह यह धर्म क्रोध पर विजय प्राप्त करने का मार्ग भी है. यह आंतरिक बदलाव व हृदय के शुद्धिकरण की प्रक्रिया है. क्षमा आत्मा का स्वाभाविक गुण है, जो उसकी शुद्धि का प्रतीक है. मौके पर जैन समाज के अध्यक्ष सरस जैन, सागर जैन, सुरेश जैन, कमल काशलिवाल, कैलाश गंगवाल, मोनिका पहाड़िया, विमला पाटनी, रोहित जैन, अजीत जैन सहित कई भक्तजन मौजूद थे.
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