ग्राम पंचायतों के वित्तीय सशक्तिकरण पर प्रशिक्षण शुरू
पाकुड़. स्थानीय निकायों को वित्तीय रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ.
नगर प्रतिनिधि, पाकुड़. ग्रामीण स्थानीय निकायों को वित्तीय रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट प्राण के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ शुक्रवार से रवींद्र भवन में हुआ. उद्घाटन उपायुक्त मनीष कुमार, अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन, अनुमंडल पदाधिकारी साइमन मरांडी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय सिंह बड़ाईक एवं जिला पंचायत राज पदाधिकारी प्रीतिलता मुर्मू ने संयुक्त रूप से किया. उपायुक्त ने कहा, ग्राम पंचायतों की आत्मनिर्भरता ही विकसित भारत की कुंजी है. हमें केवल सरकारी अनुदानों पर निर्भर नहीं रहना है, बल्कि अपने लोकल राजस्व को भी मजबूत बनाना है. उन्होंने पंचायतों को नवाचार के साथ आय सृजन के नए स्रोत विकसित करने की सलाह दी. प्रशिक्षण में स्वयं के आय स्रोतों की पहचान, गृह कर एवं जल शुल्क प्रबंधन, हाट-बाजार से राजस्व सृजन, पारदर्शिता और डिजिटल भुगतान जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने बताया कि रीवैम्प्ड आरजीएसए का उद्देश्य पंचायतों की शासन क्षमता को सुदृढ़ बनाना है, जिसमें वित्तीय सशक्तिकरण प्रमुख घटक है. एसडीओ ने कहा कि मुखिया और पंचायत सचिव की जोड़ी ग्राम पंचायत की रीढ़ है, जिन्हें स्थानीय कर, जल शुल्क और हाट-बाजार राजस्व की वसूली में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए.
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