पाकुड़ में भाई दूज पर यमदूत पूजा की निभायी परंपरा
पाकुड़ जिले में भाई दूज का त्योहार पारंपरिक आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने गोबर से यमदूत की आकृति बनाकर पूजा की और भाइयों की लंबी उम्र व सुरक्षा की कामना की। इस प्रथा के अनुसार बहनें यमराज से प्रार्थना करती हैं कि उनके भाई अकाल मृत्यु व विपत्तियों से बचें। स्थानीय पंडित कहते हैं कि यह सदियों पुरानी परंपरा भाई-बहन के स्नेह और रक्षा को दर्शाती है। शहरों में यह परंपरा कम देखने को मिलती है, पर गांवों में आज भी श्रद्धा से निभाई जाती है। पूजा के बाद भाइयों को तिलक, मिठाई और उपहार दिए जाते हैं।
नगर प्रतिनिधि, पाकुड़. जिले में सोमवार को भाई दूज का त्योहार पारंपरिक आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया. जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक बहनों ने गोबर से यमदूत की आकृति बनाकर पूजा-अर्चना की और भाइयों की लंबी उम्र व सुरक्षा की कामना की. मान्यता है कि इस दिन बहनें यमदूत की पूजा कर यमराज से प्रार्थना करती हैं कि उनके भाई को अकाल मृत्यु और विपत्तियों से मुक्ति मिले. स्थानीय पंडितों के अनुसार यह परंपरा सदियों पुरानी है और भाई-बहन के स्नेह व रक्षा के भाव को दर्शाती है. भले ही शहरों में यह प्रथा अब कम दिखाई देती है, लेकिन गांवों में आज भी इसे पूरे श्रद्धा भाव से निभाया जाता है. सुबह बहनों ने आंगन लीप-पोतकर गोबर से यमदूत बनाया, उस पर अक्षत, दूब, धागा और दीपक अर्पित किए. इसके बाद भाइयों को तिलक कर मिठाई खिलायी गयी और उपहार दिये गये.
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