जब ट्रेन पलटी तो लोगों के बीच दब गया था झारखंड का नियामत शेख, फिर उसे दिखाई दी उम्मीद की किरण

ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की आवाज सुनकर पास के गांव के लोग दौड़े. नियामत के सिर में चोट लगने से खून बह रहा था और पैर में भी चोट लगी थी. वह लोगों से पूछताछ करते एक मेडिकल दुकान के पास पहुंचा.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 4, 2023 8:53 AM

Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए ट्रेन हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. दरअसल, झारखंड के पाकुड़ जिले के इलामी गांव के रहने वाले नियामत शेख ने दर्द भरी आपबीती सुनाई. पूरे हादसे को बयां करते हुए वह रो पड़ा था. नियामत शेख ने बताया कि रोजगार की आस लिये शुक्रवार को कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार होकर चेन्नई सेंट्रल के लिए रवाना हुआ था. शाम 7:00 बजे नाश्ता-पानी करने के बाद वह मोबाइल देख रहा था, तभी जोर का झटका लगा. जिस बोगी में नियामत सवार था, वह पलटने लगी. तीन पलटी मारने के बाद बोगी उलटी हो गयी थी. जो ऊपर थे, वो नीचे और नीचे वाले दूसरों के शरीर पर पड़े हुए थे. इसी बीच चीख-पुकार शुरू हो गयी.

नियामत भी उसी में दबा हुआ था. तभी उसे एक उम्मीद की किरण दिखी. ऊपर एक व्यक्ति टूटी हुई खिड़की से बाहर निकल रहा था. उसने भी वही किया. पहले अपने बैग को बाहर फेंका, फिर उसी खिड़की से खुद बाहर निकला. बाहर का मंजर भयानक था. अंधेरे के बीच थोड़ी-बहुत रोशनी थी. नियामत ने देखा कि कई लोग ट्रेन के बाहर गिरे थे, उनके आसपास खून बिखरा हुआ था. चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई थी. मंजर दिल दहला देनेवाला था.

ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की आवाज सुनकर पास के गांव के लोग दौड़े. नियामत के सिर में चोट लगने से खून बह रहा था और पैर में भी चोट लगी थी. वह लोगों से पूछताछ करते एक मेडिकल दुकान के पास पहुंचा. वहां सुई लगाने और दवा खाने के बाद गांव वालों की मदद से बस के ठिकाने तक पहुंचा, घरवालों से फोन पर बात कर पूरे हादसे को बयां करते हुए वह रो पड़ा. घटना को देख वो इतना घबरा गया था कि कोलकाता के लिए बस पर सवार होकर चल पड़ा. कोलकाता पहुंच कर सियालदह से कंचनजंगा एक्सप्रेस पर बैठ कर पाकुड़ अपने घर के लिए निकल गया. उसे इस बात की तसल्ली थी कि इतने बड़े हादसे के बाद भी वह जिंदा है.

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