पीटीआर के जंगल में बांस के संवर्धन व पुनरुद्धार के होगे कार्य : उप निदेशक
पीटीआर के जंगल में बांस के संवर्धन व पुनरुद्धार के होगे कार्य : उप निदेशक
गारू़ पलामू व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत डाल्टनगंज दक्षिणी वन प्रमंडल में हरा सोना कहे जाने वाले बांस के संवर्धन के लिए कार्य किया जायेगा. इससे बांस का पुनरुद्धार एवं विकास होगा. पलामू व्याघ्र परियोजना के आरक्षित वन क्षेत्र घोषित होने के बाद वर्ष 1999-2000 से बांस कटाई व पातन के कार्य पर वन व पर्यावरण विभाग द्वारा पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है जिससे बांस के अस्तित्व पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. पीटीआर के उप निदेशक कुमार आशीष ने बताया कि बांसों का पातन (कटाई एवं छटाई) कार्य नहीं होने से संवर्धन ठप पड़ गया और जंगल में लगने वाले आग से नष्ट हो जा रहा था. अब राज्य सरकार ने बांस के संवर्धन एवं विकसित करने के लिए योजना बनायी है इसके तहत प्रथम चरण में पांच सौ से अधिक हेक्टेयर जंगली भूभाग में बांस रोपण के ऊपर मिट्टी डालने व गुड़ाई निकाई कार्य योजना को स्वीकृति दी है. इस कार्य से बफर क्षेत्र के सैकड़ों मजदूरों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. इस योजना के तहत गारू पूर्वी, पश्चिमी एवं बारेसांढ़ वन क्षेत्र में कार्य किया जायेगा. बारेसांड के टावर डोंगरी, बुटहट, भगवा लता, जमुना पानी, डूमरकोना, बुढ़अंबा के अलावा गारू पूर्वी एवं पश्चिमी के जंगल भी शामिल हैं. उन्होने बताया कि इससे वन क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण मजदूरों को रोजगार मिलने की संभावना है. इससे पलायन पर रोक लग सकेगा. उन्होंने बताया कि बांसों के संवर्धन के लिए साफ- सफाई एवं मिट्टी चढ़ाई का कार्य किया जायेगा.
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