विद्यालय में मनाया गया विजय दिवस
शहर के सरस्वती विद्या मंदिर मे मंगलवार को भारतीय सशस्त्र सेवाओं के गौरवशाली इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित विजय दिवस गरिमामय वातावरण के साथ मनाया गया.
अनुशासन के साथ मातृभूमि की सेवा ही सच्चा राष्ट्रधर्म है तसवीर-16 लेट-6 उपस्थित अतिथि लातेहार. शहर के सरस्वती विद्या मंदिर मे मंगलवार को भारतीय सशस्त्र सेवाओं के गौरवशाली इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित विजय दिवस गरिमामय वातावरण के साथ मनाया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सीआरपीएफ 11 बटालिय के इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार पांडेय, विशिष्ट अतिथि इंस्पेक्टर रामानंद सिंह, विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन पांडेय एवं प्रधानाचार्य उत्तम कुमार मुखर्जी द्वारा संयुक्त रूप से किया. इसके बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य ने विषय प्रवेश कराया. मौके पर मुख्य अतिथि श्री पांडेय ने विजय दिवस के ऐतिहासिक एवं राष्ट्रीय महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिवस भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य एवं बलिदान का प्रतीक है. उन्होंने 1971 के युद्ध का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश का निर्माण संभव हुआ. यह विजय केवल सैन्य शक्ति की नहीं, बल्कि मानवता, एकता और राष्ट्रधर्म की भी विजय थी. उन्होंने विजय दिवस के तीन प्रमुख संदेश बताया जिसमे राष्ट्र सर्वोपरि है, आपसी एकता अनिवार्य है तथा अनुशासन के साथ मातृभूमि की सेवा ही सच्चा राष्ट्रधर्म है. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा के साथ जीवन के किसी भी क्षेत्र में रहते हुए देश की सेवा की जा सकती है. विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष श्री पांडेय ने भारतीय सेना के पराक्रम, त्याग एवं राष्ट्र के प्रति समर्पण की सराहना की. कार्यक्रम के दौरान छोटे भैया-बहनों द्वारा प्रस्तुत सामूहिक गीत एवं नृत्य प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की आचार्या मधु कुमारी द्वारा किया गया. इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य व दीदी समेत कई विद्यार्थी उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
