वन अपराधियों के धर-पकड़ के मामले में पीटीआर बना देश का पहला टाइगर रिजर्व
वन अपराधियों के धर-पकड़ के मामले में पीटीआर बना देश का पहला टाइगर रिजर्व
बेतला़ वन अपराधियों की धर-पकड़ के मामले में पलामू टाइगर रिजर्व भारत का पहला टाइगर रिजर्व बन गया है. इसका खुलासा वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने किया है. हालांकि, पलामू टाइगर रिजर्व में 50 प्रतिशत पदाधिकारी व कर्मियों की कमी है बावजूद अपराध पर अंकुश लगाने में यह अव्वल बन गया है. भारत में मौजूद 55 टाइगर रिजर्व में एक पलामू टाइगर रिजर्व है. 1973 में सर्वप्रथम भारत में सिर्फ नौ टाइगर रिजर्व ही बनाये गये थे. उनमें एक पलामू टाइगर रिजर्व भी था. उस समय वन्यजीवों की भरमार थी. लेकिन कालांतर में इनकी संख्या लगातार घटती जा रही है. वन अपराधियों द्वारा वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाया गया. लेकिन इधर पीटीआर में सक्रिय वन अपराधियों की धर-पकड़ के लिए की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई से अपराधियों के हौसले पस्त हो गये हैं. पिछले तीन महीने में तीन दर्जन से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. वहीं, दो दर्जन से अधिक हथियार भी बरामद किये गये हैं. जिनमें पारंपरिक हथियारों के अलावे भरठुआ बंदूक शामिल है. वन्य जीवों के शिकार और हो रहे व्यापार पर अंकुश लगाने वाली भारत सरकार की वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो को सूचना मिली है कि वन अपराधियों द्वारा लगातार निर्दोष वन्य प्राणियों को शिकार बनाया जा रहा है. कई लोग तो शौक से जंगल में शिकार करने घुस जाते हैं तो कई लोग पेशेवर भी हैं. गिरफ्तार अपराधियों ने वन विभाग के पदाधिकारियों को कई अहम सुराग दिये हैं जिस पर विभाग सक्रियता से कम कर रहा है. वहीं, दूसरी ओर वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के सदस्य भी लगातार अपराधियों की धर-पकड़ के लिए कार्रवाई में जुटे हैं. अब तक ऐसे कई ऐसे अहम सुराग मिले हैं जो चौंकाने वाला रहा है. वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो को गुप्त सूचना मिलने पर पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर के नेतृत्व में कार्रवाई की जा रही है. पीटीआर के आठ रेंज में सिर्फ दो ही वन क्षेत्र पदाधिकारी हैं इनमें उमेश कुमार दुबे और अजय टोप्पो पदास्थापित है़ं बावजूद इसके अपराधियों की लगातार धर-पकड़ की जा रही है.
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