खनन विभाग को पांच करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का हुआ नुकसान, राजस्व जमा कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे वेंडर व अधिकारी

लातेहार जिले में पिछले कई साल से खनन विभाग को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2020 3:52 AM

लातेहार : जिले में पिछले कई साल से खनन विभाग को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. विभिन्न सरकारी एजेंसियां काम के बदले खनन विभाग को दोगुना रॉयल्टी की राशि काटने के बाद ही संवेदकों या अन्य को राशि का भुगतान करती हैं. लेकिन प्रखंड में मनरेगा से संचालित योजनाओं में आज तक रॉयल्टी का भुगतान खनन विभाग को नहीं हुआ है.

मनरेगा से रॉयल्टी भुगतान की जिम्मेदारी संबंधित सामग्री आपूर्ति करने वाले वेंडर के अलावा प्रखंड विकास पदाधिकारी की होती है. लेकिन किसी वेंडर और प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कार्य के बदले सामग्री मद में हुए भुगतान के एवज में रॉयल्टी जमा नहीं करायी है.

खनन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, लगभग पांच करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व के नुकसान हुआ है.

पिछले दिनों उपायुक्त जिशान कमर ने एक जिला स्तरीय बैठक में इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी को वेंडर से सामग्री भुगतान के बदले में रॉयल्टी जमा कराने का निर्देश दिया है. लेकिन एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी किसी प्रखंड विकास पदाधिकारी ने इस मामले पर संज्ञान नहीं लिया.

प्रखंडों से आज तक नहीं जमा हुई रॉयल्टी

जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार ने कहा कि प्रखंडों से आज तक रॉयल्टी जमा नहीं करायी गयी है. प्रखंड में जो वेंडर सामग्री की आपूर्ति के एवज में सरकार से रुपये लेते हैं उसके एवज में उन्हें रॉयल्टी का भुगतान करना अनिवार्य है. कई बार सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को रॉयल्टी भुगतान के लिए पत्र लिखा गया है लेकिन किसी ने राशि जमा नहीं करायी है. जिले से प्राप्त वेंडरों की सूची पर आगे अब कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

posted by : sameer oraon

Next Article

Exit mobile version