न्यायालय के आदेश पर काराधीन बंदी की हुई शादी
न्यायालय के आदेश पर काराधीन बंदी की हुई शादी
लातेहार ़ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय संजय कुमार दुबे की अदालत ने काराधीन अभियुक्त आतिश उरांव की ओर से दायर जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान पीड़िता सविता कुमारी के साथ विवाह की इच्छा पर विवाह संपन्न कराने का आदेश पारित किया. न्यायालय के आदेश पर आतिश उरांव को कड़ी सुरक्षा के साथ प्राचीन देवी मंडप अंबा कोठी स्थित विवाह मंडप में उपस्थित कराया गया. पीड़िता आवेदक, उसके माता-पिता एवं सगे संबंधियों की उपस्थिति में हिंदू रीति-रिवाज से दोनों की शादी पंडित दिलीप शुक्ला ने वेदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न कराया. अभियुक्त के अधिवक्ता सुनील कुमार ने बताया कि काराधीन अभियुक्त के ऊपर शादी नहीं करने का मामला चंदवा थाना कांड संख्या 220/ 2025 बीएनएस की धारा के तहत दर्ज कराया गया था और वह पिछले आठ अक्तूबर 2025 से मंडल कारा में बंद था. श्री कुमार ने बताया कि आतिश उरांव की ओर से दाखिल जमानत की याचिका पर विचार करते हुए श्री दुबे की अदालत ने पीड़िता को नोटिस जारी किया था. पीड़िता के अधिवक्ता राजा कुमार ने उसे अदालत में पेश करते हुए विवाह की सहमति प्रकट की तत्पश्चात पीड़िता एवं आवेदक के बालिग होने संबंधी प्रमाण पत्र अदालत में उनके माता-पिता द्वारा पेश किया गया. सभी औपचारिकता पूरी करने के उपरांत श्री दुबे की अदालत ने दोनों को विवाह के योग्य पाते हुए उनकी सहमति पर उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये विवाह स्थल पर भेजने का आदेश पारित किया. विवाह के उपरांत नवदंपति तथा उनके परिजन काफी खुश थे. पीड़िता ने बताया कि विवाह से मुकर जाने के कारण उसने मुकदमा दायर कराया था. विवाह संपन्न होने के उपरांत जमानत याचिका पर सुनवाई समाचार लिखे जाने तक लंबित है.
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