धान की बिक्री में अनियमितता, कंप्यूटर ऑपरेटर ने अपने परिवार को दिलाया लाभ
धान की बिक्री में अनियमितता, कंप्यूटर ऑपरेटर ने अपने परिवार को दिलाया लाभ
लातेहार ़ वित्तिय वर्ष 2024-25 में धान खरीद में काफी अनियमितता बरते जाने का मामला सामने आया है. सदर प्रखंड के भूसुर गांव निवासी आशिष कुमार यादव जो जिला आपूर्ति विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर पर कार्यरत है. उसपर अपने परिजनों और सगे-संबंधियों के नाम पर धान की बिक्री कर सरकारी राशि का गबन का मामला प्रकाश में आया है. कंप्यूटर ऑपरेटर ने विभाग में रह कर अपने पिता, मां, भाई और अपने कई सगे-संबंधियों के नाम से धान की बिक्री की है. धान की बिक्री करने के एवज में जमीन की रसीद सभी के द्वारा एक ही जमा किया गया है. जिसमें खाता संख्या 6 और प्लाट संख्या एक ही दर्ज है. जबकि विभाग को जमा किये गये किसी रसीद में जमीन का रकबा दर्ज नहीं है. कंप्यूटर ऑपरेटर के पिता उपेंद्र यादव और मां मुन्नी देवी ने 48 क्विंटल, रिश्तेदार रीता देवी 96 क्विंटल, बबीता देवी 48 क्विंटल, नीतीश कुमार यादव व संदीप कुमार यादव ने 48- 48 क्विंटल धान की बिक्री की है. सभी धान की बिक्री सदर प्रखंड के मननचोटाग और जालिमखुर्द लैंपस में किया गया है. हमलोग की पुश्तैनी जमीन है : कंप्यूटर ऑपरेटर आशिष कुमार यादव ने इस संबंध में कहा कि हमलोग की पुश्तैनी जमीन है जिसका रसीद लगा कर धान की बिक्री की गयी है. रसीद गलत रहने पर इंट्री नहीं होती है. क्या कहते हैं अधिकारी : इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्रवण राम ने बताया कि इस मामले की जानकारी नहीं है. धान की बिक्री में गड़बड़ी की गयी है तो इसकी जांच करायी जायेगी. जांच में दोषी पाये जाने पर संबंधित सभी कर्मी पर कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
