KHUNTI : सिस्टर रंजीता किंडो ने बताया खूंटी गैंगरेप का सच

रांची : खूंटी के कोचांग क्षेत्र में पांच महिलाओं के साथ हुई गैंगरेप के मामले में नये तथ्य सामने आये हैं. मिशन स्कूल कोचांग में जिस वक्त महिलाओं का अपराधियों द्वारा अपहरण किया जा रहा था, उस समय की चश्मदीद आशा किरण संस्था की संचालिका सिस्टर रंजीता किंडो ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अपना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2018 1:50 PM

रांची : खूंटी के कोचांग क्षेत्र में पांच महिलाओं के साथ हुई गैंगरेप के मामले में नये तथ्य सामने आये हैं. मिशन स्कूल कोचांग में जिस वक्त महिलाओं का अपराधियों द्वारा अपहरण किया जा रहा था, उस समय की चश्मदीद आशा किरण संस्था की संचालिका सिस्टर रंजीता किंडो ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अपना लिखित बयान भेजा है. इसमें उन्होंने घटना की विस्तृत जानकारी दी है.

कहा है कि 19 जून को अचानक लोगों से पूछते हुए हमलोग कोचांग स्थित चर्च पहुंच गये. एक टीचर से फादर के बारे में जानकारी ली. उस वक्त फादर अल्फोंस आइंद सिस्टरों के कॉन्वेंट में गये हुए थे, नयी सिस्टर के स्वागत के लिए. फादर से उनके स्कूल में मानव तस्करी के खिलाफ नुक्कड़ नाटक की इजाजत मांगी, तो वे तैयार हो गये.

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डेढ़ बजे स्कूल में नुक्कड़ नाटक का मंचन शुरू हुआ. 10-15 मिनट नाटक चला ही था कि एक तेज आवाज वाली मोटरसाइकिल पर दो व्यक्ति स्कूल मैदान में पहुंचे. दो चक्कर लगाकर वे मैदान में ही रुक गये. इसके बाद एक और बाइक पर तीन लोग आये. उनमें से एक ने कड़क अावाज में कहा, ‘आप सब इधर आयें.’ पहले संजय शर्मा उनके पास गया, फिर हम सबको बुलाया. सभी डरते हुए उनके पास गये. इसके बाद अपराधियों में से एक ने एक गांव के नाम का उल्लेख करते हुए पूछा कि कौन है.

आदिवासी दस्तूर के मुताबिक, बहू को उनके मायके के नाम से पुकारा जाता है. इस पर नुक्कड़ नाटक मंडली में शामिल महिला ने कहा, ‘मैं हूं’. इसके बाद अपराधी उससे मुंडारी में बात करने लगे. फिर गाड़ी की चाबी ली. सबका मोबाइल छीन लिया. इसके बाद सबको गाड़ी में बैठने का हुक्म दिया. तभी फादर अल्फोंस आइंद ने हाथ जोड़कर अपराधियों से कहा कि जो कहना है यहीं कहो. इनको मत ले जाओ.

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मैं भी बोली, ‘भैया माफ कर दीजिये. हम यहां पहली बार आये हैं. हमसे गलती हो गयी. ऐसा और नहीं करेंगे. हम बहुत दूर से बाजार में नुक्कड़ नाटक करने बाजार आये थे. इसलिए हमने सोचा कि इस स्कूल के बच्चों को भी नाटक दिखा दिया जाये. हमें माफ कर दीजिये, हम ऐसी गलती नहीं करेंगे.’ लेकिन, कई बार निवेदन करने के बाद भी वे नहीं माने. अपराधियों ने कहा कि हमसे जो बड़े हैं, उन्होंने हमें यहां भेजा है. पूछताछ के बाद दो घंटे में सभी को छोड़ देंगे.

मैं भी महिलाओं के साथ जाने को तैयार हुई, तो उनलोगों ने मुझे रोक दिया. जिस महिला का अपराधियों ने नाम पूछा था, उसको अकेले आॅल्टो कार सेऔर बाकी की चार महिलाओं व पुरुषों को एंबुलेंस से अगवा कर दोपहर ढाई बजे ले गये.

साढ़े पांच बजे महिलाओं को लेकर वापस स्कूल पहुंचे अपराधी

अपराधी अगवा महिलाआें व पुरुषों को साथ लेकर साढ़े पांच बजे शाम में वापस स्कूल पहुंचे. सिस्टर रंजीता ने कहा कि अपराधियों ने मुझे अकेले बुलाकर कहा कि आप यहीं नुक्कड़ नाटक कराती हैं. मैं बोली-भैया माफ कर दीजिये. फिर ऐसी गलती नहीं होगी. उन्होंने मेरा मोबाइल नंबर लिया. फिर सभी का मोबाइल वापस कर दिया. सभी मोबाइल के सिम और बैटरी अलग-अलग किये हुए थे. तब तक फादर अल्फोंस आइंद भी वहां आ गये थे. उन्होंने अगवा हुए लोगों से मामले की जानकारी चाही, लेकिन अपराधियों के डर से किसी ने उनके सामने मुंह नहीं खोला. तभी संजय शर्मा ने अपराधियों से कहा कि दादा अब हमलोग जा सकते हैं? अपराधी बोले, जाइये.

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फिर नुक्कड़ नाटक मंडली और मेरी टीम गाड़ी में बैठकर वहां से निकल पड़ी. रास्ते में मैंने अगवा महिलाओं से पूछा कि उनके साथ क्या हुआ है. उन्होंने बस इतना कहा कि अच्छा हुआ सिस्टर, आप हमलोगों के साथ नहीं गयी. घटना में घायल नुक्कड़ नाटक मंडली के सदस्य जगरनाथ ने मुरहू में हमें बताया कि महिलाओं के साथ बहुत गलत हुआ है. बार-बार पूछने पर पीड़ित महिलाओं ने सिर्फ इतना ही कहा कि उनके साथ गलत हुआ है.