14 गांवों के ग्राम बाल संरक्षण समिति को प्रशिक्षण
14 गांवों में बाल संरक्षण के लिए ग्राम बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष, सचिव और सदस्यों का एकदिवसीय क्षमता वृद्धि-प्रशिक्षण प्रदान किया गया.
प्रतिनिधि, खूंटी.
मुरहू के गोड़ाटोली और बिचना पंचायत के 14 गांवों में बाल संरक्षण के लिए ग्राम बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष, सचिव और सदस्यों का एकदिवसीय क्षमता वृद्धि-प्रशिक्षण प्रदान किया गया. बाल कल्याण संघ द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में बाल सुरक्षा की मजबूत और समान प्रणाली विकसित करने के लिए सभी को प्रशिक्षण दिया गया. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अल्ताफ खान ने कहा कि गांव की समितियां ही बच्चों की सुरक्षा की पहली दीवार हैं. यदि गांव सतर्क होगा तो बाल विवाह, बाल श्रम, पलायन और तस्करी जैसी समस्या स्वतः कम होंगी. प्रशिक्षण के प्रमुख सत्र में मुख्य प्रशिक्षक ओम प्रकाश ने ग्राम बाल संरक्षण समिति के गांव में प्रभावी ढंग से कार्य करने की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि समिति के सदस्य गांव के प्रत्येक घर का समय-समय पर दौरा करें. पता करें कि कौन बच्चा स्कूल जा रहा है. कौन बच्चा जोखिम में है. किस परिवार में पलायन की संभावना है. किस बच्चे को योजनाओं की जरूरत है. इस तरह की नियमित निगरानी ही बाल संरक्षण की नींव है. उन्होंने मासिक बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने, स्कूल-आंगनबाड़ी-स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पंचायत के साथ समन्वय बढ़ाने तथा योजनाओं से बच्चों को जोड़ने की प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया. बच्चे पर हिंसा, शोषण, तस्करी या बाल विवाह का खतरा दिखे तो समिति तुरंत डीसीपीयू, सीडब्ल्यूसी, 1098, पुलिस और पंचायत को सूचना दें. प्रशिक्षण में मिशन वात्सल्य, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, जेजे एक्ट, पोक्सो एक्ट और बाल अधिकारों की जानकारी भी दी गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
