संताल स्थापना दिवस पर याद किये गये सिदो-कान्हू मुर्मू
जामताड़ा. माँझी परगना सरदार महासभा, जामताड़ा की ओर से गाँधी मैदान में संताल परगना स्थापना दिवस मनाया गया.
समाज में बढ़ते कुरीतियों को लेकर एकजुट होना होगा : माँझी बाबा संवाददाता, जामताड़ा. माँझी परगना सरदार महासभा, जामताड़ा की ओर से गाँधी मैदान में संताल परगना स्थापना दिवस व 22वां संताली भाषा विजय दिवस मनाया गया. समारोह की अध्यक्षता माँझी परगना सरदार महासभा के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार हांसदा ने की, जबकि समारोह का संचालन जामताड़ा प्रखंड अध्यक्ष नाजिर सोरेन ने किया. कार्यक्रम का शुभारंभ वीर शहीद सिदो-कान्हू मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ. समारोह में बतौर मुख्य अतिथि लॉबिर बैसी के माँझी बाबा हराधन मुर्मू, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सह माँझी परगना सरदार महासभा के संरक्षक सुनील कुमार बास्की, समाजसेवी सर्जन हांसदा, लेबेन हांसदा, मुंसी हेंब्रम मौजूद थे. मुख्य अतिथि हराधन मुर्मू ने कहा कि संताल परगना स्थापना दिवस को लेकर समाज में समाज के लोगों के द्वारा ही गलत रूप से भ्रांति फैलाई जा रही है जो गलत है. आज संताल परगना के लोगों के लिए महत्वपूर्ण दिन है. सिदो-कान्हू जैसे महापुरुष के द्वारा अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई के परिणाम स्वरूप 22 दिसंबर 1855 को संताल परगना दिशोम की स्थापना हुई. हमें इस ऐतिहासिक दिन को नहीं भूलना चाहिए. कहा कि आज हमें अपना अधिकार, समाज में बढ़ते कुरीतियों, समाज में शिक्षा एवं नशा उन्मूलन को लेकर एकजुट होकर काम करना होगा. विशिष्ट अतिथि सुनील कुमार बास्की ने कहा कि आज संताल परगना स्थापना दिवस के साथ साथ संताली भाषा विजय दिवस है, जो हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है. संताल परगना जैसे ऐतिहासिक नाम को आज एक षड्यंत्र के तहत मिटाने की साजिश रची जा रही है. इसके लिए हम माँझी परगना को जागरूक होना होगा और विरोध करना होगा. जिलाध्यक्ष सुनील कुमार हांसदा ने कहा कि राजस्व प्रधान की बहाली में जामताड़ा एसडीओ की ओर से काफी अनियमितता की जा रही है, जो जांच का विषय है. कहा कि आज सरकार के पदाधिकारी राजस्व प्रधान और माँझी का अंतर नहीं समझ पा रहें है. तभी तो आयुक्त को दो कानून की समीक्षा के दौरान माँझी को शून्य दिखाया गया है. समारोह में आठ प्रस्ताव पारित किए गये, जो जामताड़ा उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को भेजा जायेगा. वहीं मुखिया सुखेन्द्र टुडू ,परेश मरांडी, नन्दलाल हांसदा, माँझी बाबा सीताराम मुर्मू, मुंशी हेंब्रम आदि ने भी संबोधित किया. मौके पर सज्जन मुर्मू, माँझी तारकेश्वर मुर्मू, माँझी डॉक्टर सोरेन, सहेबलाल मरांडी, कालेश्वर मरांडी, माँझी कालीश्वर सोरेन, लखिन्द्र सोरेन, दरोगा मुर्मू आदि थे.
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