भगवान श्रीराम परीक्षा के नहीं, प्रतीक्षा के विषय हैं : नवल किशोर

कथावाचक नवल किशोर महाराज ने माता शबरी द्वारा भगवान श्रीराम की प्रतीक्षा व उनके मिलन का बड़ा सुंदर वर्णन करके सुनाया.

By JIYARAM MURMU | April 4, 2025 8:00 PM

नारायणपुर. प्रखंड के भैयाडीह ठाकुरबाड़ी में रामनवमी के अवसर पर चल रही राम कथा के पंचम दिवस की कथा में नवल किशोर महाराज ने भगवान राम और शबरी के मिलन की कथा सुनायी. कहा कि भगवान परीक्षा के नहीं, बल्कि प्रतीक्षा के विषय हैं. उन्होंने माता शबरी द्वारा भगवान श्रीराम की प्रतीक्षा व उनके मिलन का बड़ा सुंदर वर्णन करके सुनाया. कहा कि मतंग ऋषि के आश्रम में रहकर वह प्रतिदिन भगवान की राह निहारती रहती थी. आखिरकार वह दिन भी आ गया, जब श्रीराम व लक्ष्मण मतंग ऋषि के आश्रम पहुंचे. जब शबरी को पता चला कि भगवान स्वयं उसके आश्रम आए हैं तो वह एकदम भावविभोर हो उठी. माता शबरी ने बड़े आदरभाव से चरण कमल धोने के बाद उन्हें आसन पर बैठाया. कथावाचक ने आगे सुनाया कि प्रेम भक्ति में डूबी शबरी बेरों को चख-चखकर इसलिए देने लगी कि कहीं खट्टे बेर श्रीराम व लक्ष्मण के हिस्से न चले जाएं. भगवान श्रीराम शबरी की अगाध श्रद्धा व अनन्य भक्ति के वशीभूत होकर सहज भाव एवं प्रेम के साथ जूठे बेर खाते रहे. जबकि लक्ष्मण ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने जूठे बेर एक तरफ फेंक दिया. बाद में यही जड़ी-बूटी ब्रह्मास्त्र लगने पर उनकी जीवनदायिनी बनी. मौके पर दिनेश मिश्रा, मिथिलेश मिश्रा, नरेश पाठक, सपन पंडित, श्याम सुंदर पंडित, प्रकाश पंडित, गणेश पंडित, प्राणेश मिश्रा, उमेश मिश्रा समेत अन्य श्रोता मौजूद रहे.

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