झारखंड में आज से Suo-Moto म्यूटेशन प्रणाली होगी लागू, CM हेमंत सोरेन करेंगे उद्घाटन

झारखंड में आज 1 दिसंबर को सुओ मोटो म्यूटेशन प्रणाली (Suo-Moto mutation system) लागू हो जायेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसका उद्घाटन करेंगे. प्रणाली के तहत निबंधन के तत्काल बाद जमीन के दाखिल खारिज की प्रक्रिया प्रारंभ हो जायेगी.

By Prabhat Khabar | December 1, 2022 10:59 AM

Jharkhand News: झारखंड में गुरुवार से सुओ मोटो म्यूटेशन प्रणाली (Suo-Moto mutation system) लागू हो जायेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसका उद्घाटन करेंगे. कार्यक्रम दोपहर दो बजे से रांची में होगा. यू-ट्यूब पर इसका लाइव प्रसारण होगा. प्रणाली के तहत निबंधन के तत्काल बाद जमीन के दाखिल खारिज की प्रक्रिया प्रारंभ हो जायेगी. पूर्वी सिंहभूम के निबंधन विभाग में भी नयी व्यवस्था लागू होने को लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. इस संबंध में विभागीय सचिव ने सभी उपायुक्त को पत्र भेजा है, जिसमें नयी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गयी है. झारखंड सरकार के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के भू-अभिलेखा एवं परिमाप निदेशालय से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि भूमि के निबंधन के बाद क्रेता यानी आवेदन को दाखिल खारिज के लिए संबंधित अंचल कार्यालय में अलग से आवेदन नहीं देना पड़ेगा. इसके लिए यह नयी व्यवस्था लागू की जा रही है.

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इस तरह संचालित होगी प्रक्रिया

  • राष्ट्रीय जेनेरिक दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली पोर्टल से भूमि के निबंधन के बाद निबंधित डीड रियल टाइम बेसिस पर दाखिल खारिज के लिए झारभूमि पोर्टल अंतर्गत अंचलाधिकारी के लॉगिन में प्रेषित होगा.

  • राष्ट्रीय जेनेरिक दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली पोर्टल पर निबंधित डीड अपलोड होने के बाद क्रेता को दाखिल-खारिज के लिए अंचल कार्यालय में डीड प्रेषण की सूचना एसएमएस के माध्यम से ऑटोमेटिक जेनरेटेड म्यूटेशन केस नंबर के साथ प्राप्त होगी. इसके माध्यम से आवेदन अपने म्यूटेशन केस को झारभूमि पोर्टल पर ट्रैक कर सकेंगे.

  • म्यूटेशन केस झारभूमि पोर्टल अंतर्गत सीओ लॉगिन में पेंडिंग लिस्ट में प्रदर्शित होगा. संबंधित अंचलाधिकारी द्वारा नियमानुकूल जांचोपरांत दाखिल-खारिज वाद का निष्पादन किया जायेगा.

  • पोर्टल पर दाखिल खारिज आवेदन प्राप्त होने के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए उसके निष्पादन को अंचलाधिकारी कार्रवाई प्रारंभ करेंगे.

  • प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए तकनीकी पहलुओं के संदर्भ में स्टेट एनआइसी की संपूर्ण जिम्मेवारी होगी.

  • म्यूटेशन प्रक्रिया के तहत दाखिल-खारिज के वादों के निष्पादन के लिए सभी अंचलाधिकारी को निर्देशित किया गया है.

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