Jamshedpur News : जमशेदपुर की सड़कें होंगी भिखारियों से मुक्त, 50 बेड का बनेगा पुनर्वास केंद्र

Jamshedpur (Sanjeev Bhardwaj) : ग्रीन सिटी, क्लीन सिटी, स्टील सिटी अब जल्द भिखारी मुक्त सिटी बनेगी. जमशेदपुर की मुख्य सड़कें जल्द ही भिखारियों से मुक्त दिखेंगी.

By RAJESH SINGH | December 22, 2025 1:27 AM

जिले में होगा भिखारियों का सर्वे, इच्छुक योग्य एनजीओ इसके लिए 27 तक कर सकते हैं आवेदन

Jamshedpur (Sanjeev Bhardwaj) :

ग्रीन सिटी, क्लीन सिटी, स्टील सिटी अब जल्द भिखारी मुक्त सिटी बनेगी. जमशेदपुर की मुख्य सड़कें जल्द ही भिखारियों से मुक्त दिखेंगी. जिला में कुछ समय बाद अगर भिखारी जहां-तहां भीख मांगते नहीं दिखें, तो इसमें अचरज में पड़ने की जरूरत नहीं है. जिला प्रशासन एक ऐसी व्यवस्था विकसित करने जा रहा है, जिसका क्रियान्वयन कर भिखारियों की सुरक्षा एवं उनका पुनर्वास किया जायेगा. यह पूरा कार्यक्रम गैर सरकारी संगठनों अर्थात एनजीओ के माध्यम से संचालित किया जायेगा. एनजीओ द्वारा पहले भिखारियों का सर्वे किया जायेगा, उनकी पहचान की जायेगी, उन्हें वहां से निकाला जायेगा और फिर उनका पुनर्वास किया जायेगा. जिला में तैयार होनेवाले 50 बेड के पुनर्वास केंद्र के संचालन के लिए 48.70 लाख रुपये का सालाना बजट तय किया गया है. इस योजना का नाम आजीविका और उद्यमों के लिए हाशिये पर पड़े लोगों को सहायता (स्माइल) है. मई 2025 में मध्य प्रदेश का इंदौर शहर देश का पहला भिखारी मुक्त शहर बनने का दावा किया है. यहां प्रशासन ने बड़े पैमाने पर भिखारियों का पुनर्वास किया है, उन्हें रोजगार और शिक्षा से जोड़ा है, और भिक्षावृत्ति रोकने के लिए कड़े नियम लागू किये हैं, जिसमें भीख मांगने वालों और दान देने वालों दोनों पर जुर्माना व एफआइआर का प्रावधान है. साथ ही सूचना देने वालों को 1000 रुपये का इनाम भी दिया जाता है. इस पहल के तहत लगभग 5000 भिखारियों को सड़कों से हटाकर मुख्यधारा से जोड़ा गया है.

27 दिसंबर को ही भरा और खोला जायेगा टेंडर

केंद्रीय योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह कार्यक्रम संचालित किया जायेगा. इसके आलोक में जिला प्रशासन ने निविदा-विज्ञापन भी प्रकाशित किया है. 27 दिसंबर को 12 बजे तक तकनीकी एवं वित्तीय बिड अलग-अलग लिफाफे में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करना है. उसी दिन तीन बजे निविदा खोली जायेगी. चयनित संस्था का दर्पण पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है. संस्था के परियोजना प्रस्ताव में कार्यरत कर्मचारियों के नाम, पता, फोन नंबर फोटो सहित अन्य विवरणी उपलब्ध कराना होगा. एनजीओ के लिए भिखारियों के सर्वेक्षण, पहचान, संग्रहण, सुरक्षा एवं पुनर्वास गृहों के संचालन अथवा संबंधित क्षेत्र में किये गये कार्यों का न्यूनतम दो वर्ष तक काम करने का अनुभव प्रमाणपत्र संलग्न करना अनिवार्य शर्त है. संस्था के परियोजना स्थल के प्रस्ताव के साथ स्वामित्व, लीज या किराये पर पुनर्वास केंद्र के संचालन एवं आधारभूत ढांचा के साथ संसाधनों की उपलब्धता से संबंधित ब्योरा संलग्न करना है. यदि संस्था राज्य या जिलास्तर पर कभी सम्मानित हुई हो और उसकी खबर अखबारों में प्रकाशित हुई हो तो, उसकी कटिंग को भी संलग्न करना है.

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