Jamshedpur News : सीजीपीसी के उकसावे पर सोनारी गुरुद्वारा में विवाद खड़ा कर रहे हैं विरोधी : सरदार तारा सिंह

Jamshedpur News : सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान सरदार तारा सिंह ने कहा कि इन दिनों उनकी कार्यशैली देखकर विरोधी घबरा गये हैं और सोशल मीडिया में उन्हें बदनाम करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं.

By RAJESH SINGH | April 24, 2025 8:19 PM

Jamshedpur News :

सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान सरदार तारा सिंह ने कहा कि इन दिनों उनकी कार्यशैली देखकर विरोधी घबरा गये हैं और सोशल मीडिया में उन्हें बदनाम करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. उन्होंने साफ शब्दों में उन्हें चेतावनी देते हुए दो दिन के अंदर माफी मांगने को कहा, वर्ना उन सभी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने की बात कही. सोनारी में गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रधान तारा सिंह ने कहा कि ऐसा उनके विरोधी सीजीपीसी के उकसावे में आकर कर रहे हैं. सीजीपीसी ने मानगो व सीतारामडेरा गुरुद्वारा के संविधान को तार-तार कर रखा है. सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह मानगो के प्रधान बने हुए हैं. इस बार उन्होंने बैसाखी पर हिसाब भी संगत के समक्ष नहीं रखा. उनके खिलाफ अभियान चलाने वाले सोनारी के लोग न तो कभी गुरु घर में माथा टेंकने आते हैं और न ही कभी सेवा करने. प्रधान तारा सिंह ने कहा कि प्रधान होने की हैसियत से उनके अधिकार क्षेत्र में गुरुद्वारा में किसी की नियुक्ति या पदमुक्त करना शामिल है. इसी बात को लेकर कुछ दिनों पूर्व गुरुदयाल सिंह व उनके सहोदर बलवीर सिंह गुरुद्वारा के गेट पर आकर थोड़ी देर हो हल्ला करके चले गये. ऐसे 8-10 लोग हैं जो हमेशा यही मानसिकता के साथ मनगढ़ंत आरोप लगाते रहते हैं. गुरदयाल सिंह उनके भाई को गुमराह कर रहे हैं. भाईयों के बीच जमीन को लेकर चल रहे विवाद को भी गुरुद्वारा से जोड़ा जा रहा है, जो ठीक नहीं है. संगत ने उन्हें प्रधान चुना है. प्रधान तारा सिंह ने कहा कि दरअसल 2026 में गुरुद्वारा कमेटी का चुनाव होना है, जिसे देखते हुए विरोधी अभी से सक्रिय होने लगे हैं. पत्रकार सम्मेलन में तारा सिंह के साथ हरजीत सिंह विरदी, रवींद्र सिंह रवि, शमशेर सिंह, एसके वत्सल, अमरजीत सिंह, अजित सिंह गबरी भी मौजूद थे.

14 अप्रैल को क्या हुआ था तारा सिंह संगत को बतायें : गुरदयाल सिंह

सोनारी गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व प्रधान सरदार गुरदयाल सिंह ने कहा कि तारा सिंह को इधर-उधर की बात करने का अधिकार नहीं है. उन्हें साफ बताना चाहिए कि 14 अप्रैल को गुरुद्वारा के रसोई घर से लेकर परिसर तक क्या-क्या हुआ. रही बात सीजीपीसी के बहकावे या बलवीर सिंह को उकसाने की, वे सभी जिम्मेदार लोग हैं, जो अपने विवेक से बात-फैसला करते हैं. गुरदयाल सिंह ने कहा कि सांच को आंच क्या, जल्द ही पता चल जायेगा कि तारा सिंह कितने जिम्मेदार और कितने बड़े ओहदेदार हैं.

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