Jamshedpur news. जर्जर भवन में चल रहा है एमजीएम ब्लड बैंक, डर के साये में काम कर रहे कर्मचारी

हर समय छत का प्लास्टर टूट कर गिर रहा

By PRADIP CHANDRA KESHAV | May 28, 2025 6:53 PM

Jamshedpur news.

पिछले दिनों एमजीएम अस्पताल के मेडिकल विभाग के बरामदे का छत गिरने से चार लोगों की मौत हो गयी थी. उसके बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रिय हो गया. एमजीएम के पुराने अस्पताल को डिमना रोड स्थित मेडिकल कॉलेज परिसर में बने नये अस्पताल में शिफ्ट करने की प्रक्रिया चालू है. वहीं भवन निर्माण विभाग द्वारा पुराने एमजीएम अस्पताल की सभी बिल्डिंग की जांच कर कई बिल्डिंग को जर्जर घोषित कर दिया गया. इसमें अस्पताल परिसर में चल रहे ब्लड बैंक शामिल है. जर्जर होने के बाद भी अभी तक ब्लड बैंक उसी बिल्डिंग में चलाया जा रहा है. इस कारण उसमें काम करने वाले कर्मचारियों को हमेशा डर बना रहता है. कर्मचारियों ने बताया कि हर समय छत का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. इसको लेकर ब्लड बैंक के एचओडी डॉ भीबीके चौधरी ने अधीक्षक को पत्र लिखा है. इसके बाद भी अभी तक शिफ्ट करने की अनुमति नहीं दी गयी.

ब्लड बैंक में लाखों की है मशीन

ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि ब्लड बैंक में लाखों की मशीन रखी हुई है. वहीं प्रतिदिन लोगों द्वारा रक्तदान किया जाता है. इस दौरान कोई हादसा नहीं हो जाये, इसको लेकर हमेशा डर बना रहता है.

ब्लड बैंक को शिफ्ट करने में क्या हो रही परेशानी

साकची स्थित एमजीएम ब्लड बैंक के एचओडी डॉ भीबीके चौधरी ने बताया कि ब्लड बैंक को शिफ्ट करने के लिए सबसे पहले प्रदूषण विभाग का प्रमाण पत्र की जरूरत होती है, जो अभी तक नहीं मिला है. वहीं ब्लड बैंक में रक्त कंपोनेंट सेपरेटर के लिए कम से कम 500 स्क्वायर फीट जगह चाहिए, वह नये अस्पताल में नहीं है. इतना जगह नहीं होने से लाइसेंस मिलने में परेशानी होगी. वहीं हम लोगों द्वारा नये अस्पताल में ब्लड बैंक के लिए 17 रूम की मांग की थी, जिसको दूसरे तल्ले में बनाकर देना था, लेकिन उसको घटाकर सात रूम कर दिया गया. वहीं इसको चौथे तल्ले में कर दिया गया. इसके साथ ही नये अस्पताल में डॉक्टर चैंबर, कंपोनेंट सेपरेटर रूम, रिकवरी रूम, मेडिकल एग्जामिनेशन रूम सभी उसी नौ रूम में खोलना है. इसके साथ ही नये बिल्डिंग में सामान रखने की जगह भी अलग से नहीं है. इसको लेकर अधीक्षक को पत्र लिखा गया है.

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