Jamshedpur News : सीनी और कांड्रा स्टेशन यार्ड का रिमॉडलिंग होगा
Jamshedpur News : दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल में रेल संरचना के विस्तार और परिचालन दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक और कदम उठाया गया है.
तीसरी और चौथी लाइन सीनी और कांड्रा स्टेशन के बीच बनेगी
दक्षिण पूर्व रेलवे ने 77 करोड़ 27 लाख का टेंडर जारी किया, 24 माह में पूरा होगा काम
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दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल में रेल संरचना के विस्तार और परिचालन दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक और कदम उठाया गया है. मंडल के सीनी और कांड्रा स्टेशन यार्ड के रिमॉडलिंग के साथ-साथ दोनों स्टेशनों के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसके लिए रेलवे ने 77 करोड़ 27 लाख 4 हजार 280 रुपये का टेंडर जारी किया है. कार्य को 24 माह की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. जानकारी के अनुसार, सीनी से कांड्रा स्टेशन के बीच तीसरी और चौथी लाइन बिछाने से मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों के संचालन में तेजी आयेगी. यह परियोजना टाटानगर होकर खड़गपुर से राउरकेला तक प्रस्तावित चौथी लाइन योजना का हिस्सा है. दक्षिण पूर्व रेलवे जोन इस पूरी रूट पर चौथी लाइन बिछाने का सर्वे कर रहा है. इसके नक्शा और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है. एजेंसी को 298 किलोमीटर लंबी नयी लाइन का नक्शा और डीपीआर तैयार करना है, जिस पर लगभग पौने तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे.रेलवे अधिकारियों के अनुसार, चौथी लाइन बिछाने से मालगाड़ियों के आवागमन में सहूलियत होगी और यात्री ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ायी जा सकेगी. टाटानगर से आदित्यपुर तक थर्ड लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद चौथी लाइन बिछाने का कार्य गति पकड़ेगा.
इधर, चौथी लाइन बिछाने की तैयारी में रेलवे को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा. टाटानगर सहित कई स्टेशनों के आसपास रेल लाइन किनारे बने अवैध कच्चे-पक्के मकानों को तोड़ा जायेगा. इससे प्रभावित क्षेत्रों में रेलवे प्रशासन जल्द नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू करेगा.उल्लेखनीय है कि चक्रधरपुर मंडल के झारसुगुड़ा में चौथी लाइन बिछाकर उसे बिलासपुर लाइन से जोड़ दिया गया है. अब खड़गपुर से राउरकेला तक एक साथ चौथी लाइन परियोजना पर काम चल रहा है. इस परियोजना से न केवल माल ढुलाई में वृद्धि होगी, बल्कि कोयला, आयरन ओर, सीमेंट और स्टील जैसे सामानों के परिवहन में भी रेलवे को बड़ी सहूलियत मिलेगी.
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