Jamshedpur News : जमशेदपुर : नक्शा विचलन मामले में हाइकोर्ट नाराज, डीएमसी को आज सशरीर हाजिर होने का निर्देश

Jamshedpur News : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण और नक्शा विचलन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

By RAJESH SINGH | November 20, 2025 1:25 AM

टेबुलर चार्ट में कार्रवाई का ब्योरा न देने पर कड़ी फटकार, याचिकाकर्ता ने कहा- जेएनएसी 2011 से कर रही गुमराह

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झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण और नक्शा विचलन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान जेएनएसी के शपथ पत्र को संतोषजनक नहीं पाया और कड़ी नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने पिछली सुनवाई में दिये गये निर्देश के आलोक में जेएनएसी द्वारा टेबुलर चार्ट के रूप में जवाब दायर नहीं किये जाने पर सख्त रुख अपनाया. कोर्ट में मौजूद जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी तरनीस कुमार हंस ने बताया कि वे नये आये हैं और मुख्य प्रभार उप नगर आयुक्त (डीएमसी) के पास है. इसके बाद नाराज खंडपीठ ने जेएनएसी के उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार को 20 नवंबर को सुनवाई के दौरान सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया.

क्या था कोर्ट का निर्देश

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जेएनएसी को नक्शा विचलन कर बनाये गये भवनों और अवैध निर्माण के खिलाफ की गयी कार्रवाई की पूरी जानकारी टेबुलर चार्ट में देने को कहा था. इस चार्ट में यह जानकारी देनी थी कि कितने भवनों को ध्वस्त किया गया है. कितने को तोड़ा जाना बाकी है. कितने के खिलाफ नोटिस दिया गया है और नोटिस के बाद क्या कार्रवाई हुई है. जेएनएसी यह जानकारी देने में विफल रहा.

याचिकाकर्ता ने लगाया गुमराह करने का आरोप

प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और अधिवक्ता नेहा अग्रवाल ने पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि जेएनएसी वर्ष 2011 से ही कोर्ट को गुमराह कर रही है. 2011 से लेकर 2025 तक दिये गये शपथ पत्र में एक ही बात कही जा रही है कि जेएनएसी ने 46 भवनों को सील कर रखा है. याचिकाकर्ता साकची निवासी राकेश कुमार झा ने जनहित याचिका दायर कर अवैध निर्माण पर रोक लगाने और बन चुके निर्माणों को ध्वस्त करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि जेएनएसी क्षेत्र में 2023 तक लगभग 1246 भवनों का अवैध निर्माण हुआ है. उल्लेखनीय है कि अवैध निर्माण के चलते जेएनएसी ने 1900 भवनों में से सिर्फ 24 को ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिया है. मामले की अगली सुनवाई गुरुवार 20 नवंबर को फिर होगी.

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