Jamshedpur News : सिंहभूम चेंबर में इएसआइसी अधिकारियों ने बतायी ”स्प्री-2025” की बारीकियां

उद्यमियों और व्यवसायियों को इएसआइसी की नयी विशेष पंजीकरण योजना 'स्प्री-2025' और एमनेस्टी स्कीम के तहत लंबित कानूनी मामलों के समाधान के अवसरों से अवगत कराया गया.

By RAJESH SINGH | November 9, 2025 1:18 AM

बिना निरीक्षण करा सकते हैं 31 दिसंबर तक पंजीकरण

Jamshedpur News :

सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से शनिवार को चेंबर भवन में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआइसी) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उद्यमियों और व्यवसायियों को इएसआइसी की नयी विशेष पंजीकरण योजना ”स्प्री-2025” और एमनेस्टी स्कीम के तहत लंबित कानूनी मामलों के समाधान के अवसरों से अवगत कराया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य व्यवसायियों की समस्याओं का समाधान करना और इएसआइसी के लाभों को जमीनी स्तर पर पहुंचाना था. कार्यक्रम में इएसआइसी के क्षेत्रीय निदेशक राजीव रंजन, उपनिदेशक शशि शेखर और आदित्यपुर इएसआइसी अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉ पीके सिंह प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित थे. चेंबर अध्यक्ष मानव केडिया ने कहा कि जिस तरह सरकार समय-समय पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों में ”विवाद से विश्वास” या ”कर समाधान स्कीम” लाती है, उसी तरह इएसआइसी की ”स्प्री-2025” योजना भी एक लाभकारी अवसर है, जिसका लाभ व्यवसायियों को समय रहते उठाना चाहिए.

पंजीकरण नियोक्ता द्वारा घोषित तिथि से वैध माना जायेगा : क्षेत्रीय निदेशक

मुख्य वक्ता इएसआइसी के क्षेत्रीय निदेशक राजीव रंजन ने बताया कि ”स्प्री-2025” योजना का शुभारंभ 1 जुलाई, 2025 को किया गया था और इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2025 रखी गयी है. पंजीकरण नियोक्ता द्वारा घोषित तिथि से वैध माना जायेगा. इस तिथि से पहले की अवधि के लिए कोई निरीक्षण नहीं होगा और पिछली अवधि के लिए कोई योगदान नहीं मांगा जायेगा. यह योजना उन कारखानों, दुकानों, होटलों, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों के लिए है. जिनमें 10 या इससे अधिक कर्मचारी हैं और जो अभी तक इएसआइसी अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं हैं. इसमें अनुबंध, आकस्मिक और संविदा श्रम भी शामिल हैं. नियोक्ताओं को बिना किसी निरीक्षण या पिछले रिकॉर्ड की मांग किये इएसआइसी प्रणाली में नामांकन या पंजीकरण करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया जाता है.

कर्मचारियों को मिलेगा सामाजिक सुरक्षा का लाभ : उपनिदेशक

उपनिदेशक शशि शेखर ने कहा कि यह योजना पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाती है और नियोक्ताओं के लिए पिछले दायित्वों के बोझ के बिना सामाजिक सुरक्षा नियमों का पालन करना आसान हो जाता है. मेडिकल अधीक्षक डॉ. पीके. सिंह ने जोर देकर कहा कि इस योजना से पंजीकृत कर्मचारियों को इएसआइसी अधिनियम के तहत आवश्यक स्वास्थ्य और सामाजिक लाभों तक पहुंच प्राप्त होगी. हाल ही में एक कर्मचारी को कैंसर के इलाज के लिए 16 लाख और एक अन्य कर्मचारी को 3 लाख का भुगतान किया गया है. उन्होंने कहा कि इएसआइसी के पास पूरे देश में लगभग 16 से 17 मेडिकल कॉलेज हैं. जिनमें कर्मचारियों के बच्चों के लिए 450 सीटें आरक्षित हैं. चेंबर उपाध्यक्ष हर्ष बाकरेवाल ने इस योजना को असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. महासचिव पुनीत कावंटिया ने विश्वास जताया कि यह कार्यक्रम चेंबर सदस्यों और उनके कर्मचारियों दोनों के लिए भविष्य में लाभकारी होगा. इस अवसर पर उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, अनिल मोदी, सचिव अंशुल रिंगसिया, भरत मकानी, एकलव्य राजन, प्रतीक अग्रवाल, आनंद चौधरी, बलराम प्रसाद, सीए अमित कुमार अग्रवाल, कमल मकाती, अधिवक्ता सतीश कुमार सिंह, मोहम्मद अरशद, सावन शर्मा, अनिल कुमार, प्रफुल राज, संजय चौधरी सहित कई कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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