टाटा मोटर्स : ग्रेड वार्ता में चार्टर्ड ऑफ डिमांड पर प्रबंधन ने नहीं की बात, यूनियन ने किया नाश्ते का बहिष्कार
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स के कर्मचारियों के ग्रेड रिवीजन समझौता को लेकर चल रही वार्ता में बुधवार को तल्खी बढ़ गयी. मैनेजमेंट और यूनियन के बीच बातचीत के दौरान दूरियां इतनी ज्यादा हो गयीं कि वार्ता की मेज पर रखे नाश्ते का यूनियन ने बहिष्कार कर दिया और साफ तौर पर कह दिया कि यूनियन मजदूर […]
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स के कर्मचारियों के ग्रेड रिवीजन समझौता को लेकर चल रही वार्ता में बुधवार को तल्खी बढ़ गयी. मैनेजमेंट और यूनियन के बीच बातचीत के दौरान दूरियां इतनी ज्यादा हो गयीं कि वार्ता की मेज पर रखे नाश्ते का यूनियन ने बहिष्कार कर दिया और साफ तौर पर कह दिया कि यूनियन मजदूर हित के साथ समझौता नहीं कर सकती है . वैसे वार्ता तीन घंटे तक चली, लेकिन किसी तरह का कोई रिजल्ट सामने नहीं आ पाया.
बताया जाता है कि वार्ता के दौरान मैनेजमेंट ने कई जानकारी अधूरी ही दे दी थी. इससे मजदूरों के हितों की अनदेखी हो रही थी. मजदूरों से जुड़े मामले पर यूनियन की ओर से जो चार्टर्ड ऑफ डिमांड सौंपा गया है, उसको लेकर बातचीत करने से मैनमेंट परहेज कर रहा है. वेतन में कितनी राशि बढ़ेगी, ग्रेड रिवीजन का मापदंड क्या होगा इन सभी विषयों पर बुधवार को पर्दा नही उठ सका. बुधवार को टाटा मोटर्स गेस्ट हाउस में अपराह्न 3.30 बजे से 6.30 बजे तक प्रबंधन-यूनियन के बीच ग्रेड वार्ता में कोई निष्कर्ष नहीं निकला.
यूनियन की ओर से वित्तीय ढांचे का खुलासा करने की मांग पिछले कुछ वार्ता में की जा रही है. अगली वार्ता गुरुवार को होगी. ग्रेड वार्ता में प्रबंधन पक्ष से रवि सिंह, दीपक कुमार, एके सिंघा व यूनियन से अमलेश कुमार, प्रकाश कुमार, मो अमानुद्दीन, प्रवीण कुमार व सुभाष राय शामिल थे.
टीएमएल ड्राइवलाइन और कमिंस का भी मामला लटका
टाटा मोटर्स के वेज रिवीजन के चक्कर में ही टाटा कमिंस और टीएमएल ड्राइवलाइन जैसी कंपनियों का भी वेतन समझौता रुका हुआ है. टाटा मोटर्स चूंकि पैरेंट कंपनी है, इस कारण उससे जुड़ी हुई इन दोनों कंपनियों में किसी तरह का समझौता नहीं हो पाया है.
