सफलता के 25 साल : 10 वर्षों से प्रभात खबर में छपे आलेखों को कर रहे संग्रहित, 25 से अधिक बना चुके हैं डायरी

प्रभात खबर जमशेदपुर ने आज सफलता के 25 वर्ष पूरे कर लिये हैं. यानी सिल्वर जुबिली. और यह संभव हो पाया है सिर्फ प्रभात खबर की पाठकों की बदौलत. पाठकों के प्यार ने प्रभात खबर को न सिर्फ जमशेदपुर में, बल्कि झारखंड में नंबर वन बनाया है

By Prabhat Khabar | September 8, 2020 8:18 AM

जमशेदपुर : प्रभात खबर जमशेदपुर ने आज सफलता के 25 वर्ष पूरे कर लिये हैं. यानी सिल्वर जुबिली. और यह संभव हो पाया है सिर्फ प्रभात खबर की पाठकों की बदौलत. पाठकों के प्यार ने प्रभात खबर को न सिर्फ जमशेदपुर में, बल्कि झारखंड में नंबर वन बनाया है. आज हम एक ऐसे पाठक की बात करने जा रहे हैं, जो पिछले 10 वर्षों से प्रभात खबर में प्रकाशित हर ज्ञानवर्द्धक सूचना व आर्टिकल संग्रहित करते हैं. बाराद्वारी के 53 वर्षीय राकेश कुमार प्रतिदिन न सिर्फ प्रभात खबर पढ़ते हैं, बल्कि प्रभात खबर से नित नयी-नयी चीजें सीख रहे हैं. साथ ही अपने आसपास के लोगों को अखबार पढ़ने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं.

डायरी में रोज लिखते हैं प्रभात खबर में प्रकाशित अालेख व समाचार : 53 वर्षीय राकेश कुमार ने बताया कि पिता जगदीश प्रसाद सिंह के कहने पर 12 वीं से अखबार पढ़ रहा हूं. प्रभात खबर को 20 सालों से पढ़ता आ रहा हूं. ससुर लालजी सिंह ने प्रभात खबर पढ़ने के लिए प्रेरित किया था. यहीं से प्रभात खबर की तलब लग गयी. उन्होंने कहा कि पहले मैं प्रभात खबर पढ़कर एकाध आलेख नोट करता था. लेकिन 2016 से मैं इसमें प्रकाशित होने वाले प्रत्येक विशेष आलेख को नोट करता हूं. मैं हर दिन अालेख व प्रमुख घटनातमक समाचारों को डायरी में लिखता हूं.

पड़ोसी व साथी मांगते हैं डायरी : राकेश कुमार बताते हैं कि प्रभात खबर में रविवार को प्रकाशित होने वाला विशेष पेज ‘इन दिनों’ व संपादकीय उन्हें काफी अच्छा लगता है. पड़ोसी व साथी प्रभात खबर वाली डायरी उनसे पढ़ने के लिए मांग कर ले जाते हैं. नानी-दादी के नुस्खे वाली डायरी मांगते हैं. राकेश कहते हैं कि प्रभात खबर में प्रकाशित आलेखों से उन्होंने कई चीजें सीखी हैं. वह बताते हैं कि उनकी पत्नी मिनी कुमारी, बेटी आयुषी, निधि व बेटा मेहुल मयंक भी पुरानी डायरी निकाल कर प्रभात खबर के अलग-अलग संस्करणों के आलेख पढ़ते हैं. राकेश कुमार कहते हैं कि प्रभात खबर सबसे बेस्ट है. यह समाज का मार्गदर्शक व एक सच्चा साथी है.

पुस्तक की शक्ल देने के लिए छांट रहे हैं ज्ञानवर्धक कंटेंट : अलग-अलग विषय की बनाते हैं डायरी : राकेश कुमार ने बताया कि अब तक वे प्रभात खबर के आलेखों व समाचार से 25 से अधिक डायरियां लिख चुके हैं. वह हर डायरी में अलग-अलग विषय के आलेख या समाचार नोट करते हैं. महिला, स्वास्थ्य, रेसिपी, अमेंडमेंट, धर्म, दर्शन आदि से संबंधित आलेखों को संग्रहित करते हैं. इसके अलावा अगर उन्हें कोई फोटो या आर्टिकल बेहतर लगता है, तो उसकी कटिंग भी वे संजो लेते हैं.

हर डायरी में बनाते हैं इंडेक्स : ऐसा नहीं है कि राकेश कुमार किसी तरह डायरी में खबर लिख लेते हैं. बल्कि वे बड़ी बारीकी से डायरी को सजाते हैं. किस पेज में क्या लिखा, उसके लिए वे इंडेक्स भी बनाते हैं. इंडेक्स को डायरी के पहले पन्ने पर चिपका देते हैं. इसके बाद प्रभात खबर में प्रकाशित होनेवाले आलेख व समाचार को अपनी डायरी में लिखते हैं.

अपने प्रियजनों को आर्टिकल से सजी डायरी करते हैं भेंट : राकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग विषयों पर प्रभात खबर के समाचारों व आर्टिकल से डायरी बनायी है. जिसे वे विशेष अवसरों पर अपने प्रियजनों को भेंट करते हैं. सास को भेंट में दी बुजुर्गों से जुड़े लेख वाली डायरी : राकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी सास कामिनी देवी के बर्थडे पर बुजुर्गों के लिए प्रभात खबर में प्रकाशित होने वाली खबरों से सजी डायरी भेंट की थी. जब उनकी छोटी साली गर्भवती थी, तो उन्होंने महिलाओं के प्रसव काल से संबंधित प्रभात खबर के हेल्दी लाइफ में प्रकाशित होने वाले आलेखों से संबंधित डायरी भेंट की थी. राकेश अपने बच्चों को करेंट अफेयर्स नोट करके भेंट करते हैं.

Post by : Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version