मछली पालन की तकनीक देखने चांडिल डैम पहुंची आंध्रा की टीम

डैम में केज बनाकर मछली पालन के मॉडल को सराहा 1500 विस्थापित परिवारोें को होता है सालाना एक से डेढ़ लाख मुनाफा जमशेदपुर : चांडिल डैम में केज (पिंजड़ा)बनाकर मछली पालन की तकनीक देखने आंध्र प्रदेश की एक टीम पिछले सप्ताह चांडिल आयी. टीम ने मछली पालन की लागत, आमदनी समेत विभिन्न बिंदुओं की जानकारी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 12, 2019 1:16 AM

डैम में केज बनाकर मछली पालन के मॉडल को सराहा

1500 विस्थापित परिवारोें को होता है सालाना एक से डेढ़ लाख मुनाफा

जमशेदपुर : चांडिल डैम में केज (पिंजड़ा)बनाकर मछली पालन की तकनीक देखने आंध्र प्रदेश की एक टीम पिछले सप्ताह चांडिल आयी. टीम ने मछली पालन की लागत, आमदनी समेत विभिन्न बिंदुओं की जानकारी ली. टीम को बताया कि 1500 विस्थापित परिवार सालाना एक से डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा मुनाफा कमा रहा है है तथा आत्मनिर्भर हो रहे हैं.

मछली पालन की यह तकनीक इको फ्रेंडली सिस्टम का बेतरीन उदहारण है. इस संबंध में सुवर्णरेखा बहुुद्देश्यीय परियोजना के प्रशासक ब्रजमोहन कुमार ने बताया कि जल्द ही चांडिल डैम के आसपास के साइट को विकसित किया जायेगा. इसके लिए पर्यटन विभाग के साथ मिलकर नयी योजना का सर्वे शुरू किया गया है.

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