सदर अस्पताल में टोकन सिस्टम का ट्रायल शुरू, मरीजों को अब नहीं लगानी होगी लाइन

जमशेदपुर : सदर अस्पताल को हाइटेक बनाया जा रहा है. इसके तहत मरीजों की सुविधा के लिए अब टोकन सिस्टम से इलाज किया जायेगा. इससे मरीजों को वहां बैठकर अपनी बारी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जब मरीज का नंबर आयेगा, तो ओपीडी के सामने लगे बोर्ड पर उनका टोकन नंबर दिखायी देगा. फिर मरीज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2019 7:55 AM
जमशेदपुर : सदर अस्पताल को हाइटेक बनाया जा रहा है. इसके तहत मरीजों की सुविधा के लिए अब टोकन सिस्टम से इलाज किया जायेगा. इससे मरीजों को वहां बैठकर अपनी बारी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जब मरीज का नंबर आयेगा, तो ओपीडी के सामने लगे बोर्ड पर उनका टोकन नंबर दिखायी देगा. फिर मरीज इलाज करा सकेंगे. सदर अस्पताल में इसका ट्रायल किया जा रहा है.
इसकी जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ महेश्वर प्रसाद ने बताया कि पहले मरीज ओपीडी में जाकर गेट के पास ही भीड़ लगाकर खड़े हो जाते थे, जिससे डॉक्टरों को इलाज करने में काफी परेशानी होती थी. वहीं, अगर कोई आगे बढ़ जाता था, तो उसको लेकर भी हंगामा होता था. इसको देखते हुए ओपीडी में टोकन सिस्टम लागू किया जा रहा है.
इसके तहत मरीज रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जब ओपीडी में जायेगा, तो जिस विभाग में दिखाना है, वहां उसके रजिस्ट्रेशन की रसीद जमा हो जायेगी. इसके साथ ही उसको एक टोकन नंबर दिया जायेगा, जिसके बाद मरीज ओपीडी में लगे बोर्ड पर नंबर आने के बाद डॉक्टर को दिखाने के लिए जायेंगे, जिससे परेशानी नहीं होगी.
जमशेदपुर : उपाधीक्षक डॉ वीणा सिंह ने पद से हटाने के लिए सिविल सर्जन को लिखा पत्र
जमशेदपुर : खासमहल स्थित सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ वीणा सिंह ने पद से हटाने के लिए सिविल सर्जन को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि अस्पताल में एक ही मेडिकल ऑफिसर होने के कारण नाइट, इमरजेंसी व ओपीडी में ड्यूटी करनी पड़ती है.
साथ ही उपाधीक्षक के पद पर रहने के कारण अस्पताल का भी कार्य देखना पड़ता है, जिससे परेशानी हो रही है. इसको लेकर उन्होंने सिविल सर्जन से उपाधीक्षक के पद का चार्ज किसी और को देने की मांग की, जिससे काम सही से किया जा सके. वहीं, डॉ वीणा सिंह द्वारा अचानक लिये गये इस निर्णय से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गयी है.
मामले को लेकर डॉ वीणा सिंह ने कहा कि उनके ऊपर काम का दबाव अधिक है. प्रसव की संख्या लगातार बढ़ने के कारण उनका अधिकतम समय महिला एवं प्रसूति विभाग में ही गुजरता है, ऐसे में वह अस्पताल चलाने में असमर्थ हैं. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ महेश्वर प्रसाद ने कहा कि डॉ वीणा सिंह द्वारा लिखित रूप से दिया गया है. उनके द्वारा दिये गये पत्र पर विचार किया जा रहा है.

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