फर्जी आइडी पर बने 14 लाख रूपये के टिकट जब्त, ट्रेवल एजेंट गिरफ्तार

जमशेदपुर : बागबेड़ा के गाराबासा में एक ट्रेवल एजेंसी में फर्जी आइडी पर रेल टिकट बनाने के काले कारोबार का खुलासा हुआ है. आरपीएफ ने बालाजी ट्रेवल्स नामक उक्त एजेंसी में छापा मारकर जाली आइडी पर बने 14 लाख रुपये मूल्य के 556 रेलवे ई-टिकट बरामद किये हैं. क्राइम ब्रांच की सूचना पर हुई इस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 23, 2018 6:31 AM
जमशेदपुर : बागबेड़ा के गाराबासा में एक ट्रेवल एजेंसी में फर्जी आइडी पर रेल टिकट बनाने के काले कारोबार का खुलासा हुआ है. आरपीएफ ने बालाजी ट्रेवल्स नामक उक्त एजेंसी में छापा मारकर जाली आइडी पर बने 14 लाख रुपये मूल्य के 556 रेलवे ई-टिकट बरामद किये हैं. क्राइम ब्रांच की सूचना पर हुई इस कार्रवाई में एजेंसी संचालक संजय कुमार सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
छापामारी में टिकट के अलावा लैपटॉप, प्रिंटर तथा बड़ी संख्या में जाली पहचान प्रमाण पत्र भी बरामद किये गये हैं. टाटानगर आरपीएफ थाने में संजय सिंह से पूछताछ की जा रही है. बरामद ई-टिकट में छह हजार रुपये मूल्य के तत्काल टिकट हैं. पूरी छापामारी को गोपनीय रखा गया था. छापामारी टीम में सहायक सुरक्षा आयुक्त एसके चौधरी, आरपीएफ के सेेेंड ओसी शशि शंकर, क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर कन्हैया प्रसाद सहित अन्य जवान मौजूद थे.
लैपटॉपों की जांच आइआरसीटीसी के विशेषज्ञ करेंगे
काफी दिनों से फर्जी आइडी प्रूफ के सहारे ई-टिकट बनाने की सूचना क्राइम ब्रांच को मिल रही थी. क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर कन्हैया कुमार, एलके नायक जांच में लगे हुए थे. छानबीन के दौरान बागबेड़ा गाराबासा निवासी संजय कुमार सिंह के बालाजी ट्रेवल्स से जाली प्रमाण पत्र के आधार पर टिकट बनाये जाने की भनक अधिकारियों को लग गयी. इसकी जानकारी होने के बाद उन्होंने आरपीएफ इंस्पेक्टर एमके सिंह को दी. जिसके बाद टीम गठित कर सोमवार को औचक छापामारी की गयी. आरोपी के पास से बरामद लैपटॉपों की जांच आइआरसीटीसी के विशेषज्ञ करेंगे.
ज्यादातर टिकट यूपी-बिहार के
फर्जी आइडी पर बने ज्यादातर ई-टिकट बिहार, यूपी के विभिन्न स्थानों के हैं. बरामद टिकट सभी क्लास के हैं जिन्हें आवश्यकतानुसार बाजार में ऊंचे दामों पर बेचा जाना था. खासकर दीपावली, छठ के दौरान बिहार की ट्रेनों में इन टिकटों की डिमांड ज्यादा रहती है. बरामद टिकट में साउथ बिहार, पुरुषोत्तम, नीलांचल, उत्कल, संपर्क क्रांति सहित अन्य ट्रेनों की टिकटें शामिल हैं.
आरपीएफ को गुमराह करता रहा संजय
आरपीएफ टीम को ट्रेवल एजेंसी संचालक संजय सिंह छापामारी के बाद भी गुमराह करने की हर कोशिश करता रहा. बाद में टीम ने आइआरसीटीसी की मदद लेने का निर्णय लिया. इतना सुनते ही संजय ने चुप्पी साध ली.

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