टिकट लेने के वक्त बताना होगा खाना लेंगे या नहीं
राजधानी, शताब्दी व दुरंतो के लिए रेलवे ने लागू किया नया नियम... रेलवे बोर्ड से चक्रधरपुर मंडल पहुंचा आदेश जमशेदपुर : राजधानी, शताब्दी और दुरंतो एक्सप्रेस में खानपान की सेवा लेने की अनिवार्यता एक अगस्त से समाप्त कर दी गयी है. वहीं गतिमान एक्सप्रेस में पहले की तरह खाने का शुल्क टिकट के साथ ही […]
राजधानी, शताब्दी व दुरंतो के लिए रेलवे ने लागू किया नया नियम
रेलवे बोर्ड से चक्रधरपुर मंडल पहुंचा आदेश
जमशेदपुर : राजधानी, शताब्दी और दुरंतो एक्सप्रेस में खानपान की सेवा लेने की अनिवार्यता एक अगस्त से समाप्त कर दी गयी है. वहीं गतिमान एक्सप्रेस में पहले की तरह खाने का शुल्क टिकट के साथ ही कटेगा. रेलवे के नये नियम के अनुसार अगर कोई यात्री खाना नहीं लेना चाहता है, तो उसका किराया कम हो जायेगा. छह माह ट्रायल के तौर पर यह नियम चलेगा. तीन माह बाद इसकी समीक्षा की जायेगी. रेलवे बोर्ड का संबंधित आदेश चक्रधरपुर मंडल पहुंच गया है. एक अगस्त से अब यात्रियों से टिकट लेते वक्त उनकी इच्छा से इन ट्रेनों में कैटरिंग का शुल्क जोड़ा जायेगा. जो यात्री कैटरिंग की सुविधा नहीं लेंगे,
उनसे केवल किराया ही लिया जायेगा. यात्री इ-कैटिरंग की सुविधा का लाभ ले सकते हैं. चक्रधरपुर के सीनियर डीसीएम भास्कर ने बताया कि रेल यात्री पर निर्भर करेगा कि वह ट्रेन की कैटरिंग सेवा का लाभ लेना चाहता हैं या नहीं. काउंटर से टिकट बुकिंग के दौरान भी यात्री खाना लेने के लिए मना कर सकते हैं. इससे किराये में लगभग 250 से 300 रुपये की कमी हो जायेगी. यात्री टिकट बुकिंग के बाद विकल्प को बदल नहीं सकते हैं. रेल में मिलने वाला खाना इंसान के खाने के काबिल नहीं है. ये खुलासा सीएजी रिपोर्ट से हुआ था. इसके बाद भारतीय रेलवे की कैटरिंग सर्विस को लेकर सवाल उठने लगे थे. आने वाले समय में कैटिरंग सर्विस को आइआरसीटीसी के माध्यम से संचालित किया जायेगा. आइआरसीटीसी को विकल्प तलाशने को कहा गया है कि वे यात्री बता सकें कि वे किस कारण से खाना नहीं लेना चाहते हैं.
