दलमा पहाड़ पर ट्रैकिंग करने गए भाई-बहन हो गए लापता, केवल 3 घंटे में Forest Guard ने ऐसे बचाई जान, जानिए पूरी सच्चाई

प्रभात खबर जमशेदपुर के प्रमुख संवाददाता की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह करीब नौ बजे जमशेदपुर के शास्त्री नगर निवासी भाई-बहन शिवम और नेहा अग्रवाल ट्रैकिंग करने के लिए दलमा पहाड़ पर काली मंदिर की ओर से चढ़े थे.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 30, 2020 9:10 AM

जमशेदपुर : झारखंड के जमशेदपुर के विख्यात दलमा पहाड़ से एक लोमहर्षक लेकिन सुखद समाचार है और वह यह कि एक फॉरेस्ट गार्ड की तत्परता की वजह से पहाड़ पर ट्रैकिंग करने गए भाई-बहन की जान बच गई. खास बात यह है कि उन दोनों की न केवल जान ही बच गई, बल्कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के फॉरेस्ट गार्ड ने उन दोनों को मात्र तीन घंटे के अंदर खोजकर जिंदा पेश कर दिया. इन दोनों भाई-बहन का नाम शिवम और नेहा अग्रवाल है और ये दोनों झारखंड की औद्योगिक नगरी जमशेदपुर के शास्त्री नगर में रहते हैं.

प्रभात खबर जमशेदपुर के प्रमुख संवाददाता की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह करीब नौ बजे जमशेदपुर के शास्त्री नगर निवासी भाई-बहन शिवम और नेहा अग्रवाल ट्रैकिंग करने के लिए दलमा पहाड़ पर काली मंदिर की ओर से चढ़े थे. पहाड़ से उतरने के समय करीब ढाई से पौने तीन बजे के आसपास या तो उनके मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई होगी या फिर नेटवर्क की समस्या रही होगी.

मोबाइल नेटवर्क समाप्त होने के पहले दोनों भाई-बहन ने मानगो के अपने मित्र शाहीन को संदेश भेजकर यह बताया कि वे पहाड़ से उतरने के वक्त रास्ता भटक गए हैं, मदद की जाए. उनके मित्र शाहीन और तनवीर ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए सबसे पहले इसकी जानकारी भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता को दी. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर इसकी जानकारी शेयर करते हुए शिवम और नेहा का लोकेशन विस्तार से बताया.

सोशल मीडिया के जरिए जैसे ही ये खबर डीजीपी के पास पहुंची, उन्होंने इस पर कार्रवाई करने के लिए जमशेदपुर और चांडिल पुलिस को दिया. चांडिल पुलिस ने इस मामले में कैनाल के काम पर लगे फॉरेस्ट गार्ड हरि प्रसाद से मदद ली. उन्होंने किसी तरह मैसेंजर पर शिवम-नेहा के साथ संपर्क कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर बैठने का निर्देश दिया. इसके बाद वे ट्रैकिंग करते हुए पहाड़ पर चढ़े. फॉरेस्ट गार्ड हरि प्रसाद के अनुसार, जब वे गणेश मंदिर के कुछ आगे गये तो उनकी आवाज सुनकर दोनों भाई-बहन उनकी तरफ लपके. इसके बाद वे उन्हें लेकर नीचे उतरे और परिवारवालों को सौंपा.

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Posted By : Vishwat Sen

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