PM Awas Yojana : आवास की स्वीकृति में रिश्वत तय, झारखंड के किस इलाके में चल रहा है ये खेल

PM Awas Yojana : प्रधानमंत्री आवास योजना में वसूली का आरोप लगाया गया है. आवास की स्वीकृति, जियो टैगिंग व किस्त भुगतान के लिए हर चरण में रिश्वत तय है. ग्रामीण की ओर से यह आरोप लगाया गया है.

By Amitabh Kumar | December 25, 2025 8:42 AM

PM Awas Yojana : प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर गिद्दी से खबर आई है. बताया जा रहा है कि गरीबों को पक्का मकान देने के उद्देश्य से शुरू की गयी प्रधानमंत्री आवास योजना फिलहाल डाड़ी प्रखंड में लूट और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गयी है. एसीबी की कार्रवाई से इस बात का खुलासा हो गया है कि योजना के नाम पर गरीब व असहाय परिवारों से पैसे की वसूली की जा रही है.

आवास की स्वीकृति में रिश्वत तय

ग्रामीणों का आरोप है कि आवास की स्वीकृति, जियो टैगिंग व किस्त भुगतान के लिए हर चरण में रिश्वत तय है. बिना चढ़ावा दिये न तो फाइल आगे बढ़ती है और न ही खाते में रुपया पहुंचता है. जानकार सूत्रों का कहना है कि लाभुकों से प्रति आवास पर पांच हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक की वसूली की जाती है. डाड़ी प्रखंड की कई पंचायतों में कई गरीब परिवार है, जो वर्षों से मिट्टी के घरों में रहने को मजबूर है. आवास सूची में उनका नाम नहीं है. साठगांठ के दम पर सक्षम लोगों को आवास स्वीकृत कर दिया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि कुछ पंचायतकर्मी और बिचौलिये मिल कर लाभुकों को डारने-धमकाने का काम करते हैं. जो गरीब लाभुक रिश्वत देने से इंकार करता है, उसका आवास लटका दिया लाता है या नाम सूची से काट देने की धमकी दी जाती है.

लाभुकों को नि:शुल्क इस योजना का लाभ दिया जाता है

प्रधानमंत्री आवास सरकार की योजना है. लाभुकों को नि:शुल्क इस योजना का लाभ देना है, लेकिन यहां बिना पैसे के कोई काम नहीं होता है. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व सरकार से डाड़ी प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए विशेष जांच टीम गठित करने, गरीबों को बिना रिश्वत उनका हक का आवास दिलाने तथा दोषी कर्मियों और बिचौलियों व अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.