दिशोम गुरु एक विचारधारा थे : सरना समिति
आदिवासी केंद्रीय सरना समिति के सदस्यों की बैठक
हजारीबाग. सरहुल मैदान धुमकुड़िया भवन में आदिवासी केंद्रीय सरना समिति के सदस्यों की बैठक शनिवार को हुई. नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन झारखंड के आंदोलनकारी दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया. केंद्रीय अध्यक्ष महेंद्र बेक ने कहा कि शिबू सोरेन एक व्यक्ति नहीं विचारधारा थे. लोगों को शोषण, अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरणा देते थे. दिशोम गुरु शिबू सोरेन का हमलोगों के बीच नहीं रहना अत्यंत दुखदायी है. यंग ब्लड ग्रुप एवं संथाल स्टूडेंट यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष मनोज टुडू ने कहा कि गुरुजी ने जमींदार, महाजन के शोषण से बचाने का काम किया. लोगों को नशा से दूर रहने के लिए जन आंदोलन चलाये. बंधन एक्का ने कहा कि झारखंड राज्य बनाने में जननायक दिशोम गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने आदिवासियों को सूदखोर महाजनों व जमींदारों के शोषण से बचाया. आलोक टोप्पो ने कहा कि भारत के आदिवासियों के बड़े नेता के रूप में गुरुजी जाने जाते थे. बैठक मेें सोनू तिर्की, आकाश कुजूर, विशाल टोप्पो, प्रवेश हांसदा, मनोहर सोरेन, विकास टुडू, जग्गन कच्छप, कृपाल कच्छप, महेंद्र कुजूर एवं पप्पू फुलवा, अजय टोप्पो, पप्पू, अनिल, प्रमोद, नीलांबर हेंब्रम, रविंद्र, नवीन सोरेन संतोष, सुरेश, कैलाश, बिंदेश्वर, प्रतिमा, गीता, मनी, आरती, ललिता, सविता उपस्थित थे.
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