कॉरपोरेट कंपनी की नौकरी छोड़ खेती-बारी में जुटें हजारीबाग के दीपक और विनोद, युवाओं को कर रहें प्रोत्साहित

jharkhand news: हजारीबाग के कई युवा अब खेती-किसानी की ओर बढ़ रहे हैं. इसी क्रम में कॉरपोरेट कंपनी की नौकरी छोड़ युवा खेती-किसानी करने लगे हैं. जिले के दीपक कुमार और विनोद महतो वैज्ञानिक तरीके से तरबूज की खेती कर रहे हैं. वहीं, कई युवाओं को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2022 6:40 PM

Jharkhand news: हजारीबाग जिले में युवा खेती-किसानी से जुड़ने लगे हैं. अब तो कॉरपोरेट कंपनी की नौकरी छोड़ खेती-बारी करने लगे हैं. इसी कड़ी में दारू प्रखंड के हरली निवासी दीपक कुमार और चूरचू प्रखंड के विनोद महतो नौकरी छोड़ खेती करने में जुट गये हैं. दोनों युवाओं ने वैज्ञानिक तरीके से तरबूज की खेती कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं, वहीं क्षेत्र के युवाओं को खेती-किसानी से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं.

12 एकड़ में दीपक कर रहे तरबूज की खेती

दारू प्रखंड के हरली गांव निवासी दीपक कुमार मुंबई के श्री विजया इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में प्रबंधक के पद पर काम करते थे. उस कंपनी में इन्हें 75 हजार की सैलरी मिलती थी. तीन साल पहले दीपक ने इस नौकरी को छोड़कर गांव लौट आये और खेती-बारी करने लगे. इस साल दीपक 12 एकड़ में तरबूज की खेती कर रहे हैं.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर पत्नी के साथ गांव लौटे विनोद, शुरू की खेती-बारी

इसी तरह चूरचू प्रखंड के विनोद महतो पुणे स्थित HDFC बैंक में मैनेजर के पोस्ट पर पिछले 15 वर्षों से काम कर रहे थे. उनकी पत्नी राधिका कुमारी एक विदेशी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी. दोनों ने कोरोना की पहली लहर में अपने गांव लौट आये थे. विनोद ने बताया कि महामारी के दौरान जीवन में काफी अनिश्चितता थी. समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें. तब तय किया कि गांव में ही रहकर वैज्ञानिक तरीके से खेती-बारी किया जाए. साथ ही युवाओं को खेती-बारी के क्षेत्र में प्रोत्साहित करें. इस साल डाड़ी प्रखंड के रबोध गांव में 18 एकड़ जमीन पर तरबूज की खेती की है. कहा कि खेती के अलावा गांव के 100 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. पिछले साल तरबूज की खेती से 10 लाख रुपये का मुनाफा हुआ था.

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तरबूज का एक्सपोर्ट हब बनने को तैयार

हजारीबाग जिले के विभिन्न प्रखंडों में तरबूज खेती की बढ़ती लोकप्रियता और मुनाफा व्यापारियों को आकर्षित कर रहा है. झारखंड के अलावा दूसरे राज्य के तरबूज व्यापारी हजारीबाग आ रहे हैं. बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि पिछले साल हजारीबाग के किसान विजय कुमार, चूरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी, चूरचू बाड़ी फल सब्जी प्रोड्यूसर, दाढ़ी संयुक्त ग्रामीण प्रोड्यूसर कंपनी, जितेंद्र साव, सकलदीप मुंडा, संजय कुमार राणा, शंभु कुमार, उत्तरी छोटानागपुर प्रोग्रेसिव फार्मर प्रोड्यूसर ने ई- नाम के माध्यम से तरबूज की बिक्री किया. इनके द्वारा 15 लाख 46 हजार 893 रुपये का कारोबार ई-नाम के माध्यम से किया गया था. चुरचू के विष्णु मुर्मू और फुलेश्वर महतो ने बताया कि इस वर्ष अपने नर्सरी से 5-5 लाख तरबूज के पौधे बेचे हैं.

तरबूज की खेती का लगातार बढ़ रहा रकबा

हजारीबाग जिले में तरबूज की खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है. पिछले साल की तुलना में जिले में 100 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में तरबूज की खेती हो रही है. जानकारों के अनुसार, इस वर्ष 500 एकड़ से अधिक रकबा में तरबूज की फसल लहलहा रही है. कई किसान का झुकाव परंपरागत खेती को छोड़ कर तरबूज की खेती की ओर बढ़ा है. इस साल सदर, दारु, चुरचू, कटकमसांडी, कटकमदाग, टाटीझरिया, बड़कागांव ,डाढ़ी के अलावा बिष्णुगढ़ और बरकट्ठा प्रखंड के किसान तरबूज की खेती कर रहे हैं. अनुमान के अनुसार, जिले में करीब 9000 टन तरबूज का उत्पादन होने की संभावना है.

किसानों को कम लागत और मेहनत से अधिक मिल रहा लाभ : जिला कृषि पदाधिकारी

जिला कृषि पदाधिकारी राजकिशोर ने बताया कि तरबूज की खेती में किसानों को कम लागत और मेहनत से अधिक लाभ मिल रहा है. जिसके कारण किसानों का इस खेती के प्रति किसानों का झुकाव बढ़ा है. तरबूज का मार्केट भी बड़ा है. यह अन्य फसल की तुलना में जल्द खराब भी नहीं होता है.

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रिपोर्ट : जयनारायण, हजारीबाग.

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