गुमला के युवा किसान कर रहे हैं तरबूज की खेती, 600 एकड़ में की जा रही है खेती, बन रहे स्वावलंबी

घाघरा प्रखंड के कई गांव में खेती की जा रही है. कुराग गांव में संजय उरांव, सिरी उरांव, धर्मवीर एवं राजीव उरांव के द्वारा लगभग तीन एकड़ में तरबूज की खेती की गयी है. उत्पादकता वृद्धि एवं कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा उर्वरक प्रबंधन कराया गया है. किसानों ने बताया कि तरबूज की खेती पर प्रति हेक्टेयर लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये तक खर्च आता है.

By Prabhat Khabar | May 7, 2021 1:12 PM

Jharkhand News, Gumla News गुमला : गुमला के युवा अब खेतीबारी में दिलचस्पी दिखा रहे है. इसका फायदा भी मिल रहा है. खेती किसान कर युवा आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो रहे हैं. इतना ही नहीं. दूसरे लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गये हैं. युवाओं में खेती किसान के प्रति यह दिलचस्पी कृषि विज्ञान केंद्र गुमला की पहल से आयी है. युवा किसान धान के अलावा मौसम के अनुसार खेतीबारी करने में लगे हैं. फिलहाल में बड़े पैमाने पर युवा किसान तरबूज की खेती कर रहे हैं.

घाघरा प्रखंड के कई गांव में खेती की जा रही है. कुराग गांव में संजय उरांव, सिरी उरांव, धर्मवीर एवं राजीव उरांव के द्वारा लगभग तीन एकड़ में तरबूज की खेती की गयी है. उत्पादकता वृद्धि एवं कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा उर्वरक प्रबंधन कराया गया है. किसानों ने बताया कि तरबूज की खेती पर प्रति हेक्टेयर लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये तक खर्च आता है.

अगर उत्पादन व बाजार सही मिला तो किसान को 75 हजार से एक लाख रुपये तक शुद्ध मुनाफा प्राप्त हो सकता है. बताया कि इसकी खेती जिले के सभी प्रखंडों में हो रही है. एक अनुमान के तौर पर लगभग 600 एकड़ में इसकी खेती जिले में हो रही है. स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से फसल विटामिन मिनरल का एक उत्तम स्रोत है.

Posted By : Sameer Oraon

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