अपनी संस्कृति को बचा कर रखना है : मेरी लकड़ा
बरवे उवि में अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस का आयोजन
चैनपुर. चैनपुर प्रखंड के बरवे उवि के सभागार में भला गड़ेरिया संस्था ने आदिवासियों व दलित समुदायों के लिए आर्थिक व सामाजिक न्याय के लिए अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि जिप सदस्य मेरी लकड़ा ने कहा कि भला गड़ेरिया संस्था की सुपीरियर सिस्टर नित्या, कतिंग पंचायत के मुखिया मधुरा मिंज व पंसस आशा लकड़ा की पहल से यह कार्यक्रम हो रहा है. मौके पर छतरपुर गांव में संत मोनिका स्वयं सहायता समूह द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया. सीसीएसइ प्रोजेक्ट के कोऑर्डिनेटर विनय पन्ना ने छह गांवों से आयी महिलाओं व बच्चों का आभार जताया. मेरी लकड़ा ने कहा कि हम आदिवासियों को अपनी सभ्यता न संस्कृति को हमेशा याद रखना चाहिए. हमारे जल, जंगल व जमीन की रक्षा करनी है व संस्कृति को बचा कर रखना है. मधुरा मिंज ने कहा कि हम अपनी संस्कृति के हिसाब से नहीं जी रहे हैं और विदेशी संस्कृति का अनुकरण कर रहे हैं, जिससे हमारी संस्कृति विलुप्त होती जा रही है. इस लिए हमें विदेशी संस्कृति से दूर रहना है. सुशील दीपक मिंज ने कहा कि हम आदिवासियों का एक अलग रीति-रिवाज है, जिसे हमें बचा कर रखना है और सावधान रहना है. आज विदेश में भी हमारी संस्कृति को लोग अपना रहे हैं. लाइवलीहुड के कोऑर्डिनेटर हरि लकड़ा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर आशा लकड़ा, उप मुखिया तृषा लकड़ा, कांति तिर्की, सिस्टर नित्या, हेरिवार्ड लकड़ा, ज्योति किरण एक्का, कुमुद मुंडा, विनय पन्ना, बबीता सोनम तिर्की आदि मौजूद थे.
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