गांवों में ही छिपा है कुपोषण का इलाज, लाभ उठायें : दीपक

गांवों में ही छिपा है कुपोषण का इलाज, लाभ उठायें : दीपक

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2025 10:19 PM

भरनो. जिला प्रशासन एवं बाल विकास परियोजना के सहयोग से स्वयंसेवी संस्था एकजुट द्वारा जिले में कुपोषण उन्मूलन, पोषण व संवर्धन को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए स्थित बाल विकास परियोजना के सभागार भरनो में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम समापन हुआ. यह प्रशिक्षण टाटा ट्रस्ट के वित्तीय सहयोग से संचालित जीवन परियोजना के तहत आयोजित किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में एकजुट संस्था के जीवन परियोजना प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने सेविकाओं को पोषण के महत्व, स्थानीय संसाधनों के सही उपयोग तथा मातृ-शिशु पोषण प्रबंधन की वैज्ञानिक जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गांवों में पोषक तत्वों का विशाल भंडार उपलब्ध है. लेकिन जानकारी के अभाव में उसका समुचित उपयोग नहीं हो पाता. यदि गर्भवती व धात्री माताएं पोषाहार का सही उपयोग करें और स्थानीय सब्जियों व फलों की पहचान कर संतुलित आहार अपनायें, तो कुपोषण जैसी गंभीर समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. साथ ही प्रशिक्षण में सुनहरे 1000 दिन की अवधारणा पर विशेष जोर दिया गया. बताया गया कि गर्भावस्था के 270 दिन, जन्म के बाद शिशु के 180 दिन तक केवल स्तनपान तथा उसके बाद ऊपरी आहार के साथ कुल 1000 दिनों की अवधि शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए अत्यंत निर्णायक होती है. विशेषज्ञों के अनुसार बच्चे का लगभग 80 प्रतिशत मानसिक विकास इस अवधि में होता है. इस समय में बच्चों का गर्भवती माताओं व जन्म के बाद शिशु पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी नीलम केरकेट्टा, जीवन परियोजना के प्रदीप हजाम व एलिस टोपनो, उर्मिला जयसवाल, सुमन देवी, हुस्नारा आदि उपस्थित थे.

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