सोहराई कला ने गुमला की दीवारों को दी एक नयी पहचान, बेहतर कलाकृति से बढ़ी सुंदरता, देखें Pics

Jharkhand News (गुमला) : सोहराई कला को भिती चित्रकला के नाम से भी जाना जाता है. इस कला को गुमला वन प्रमंडल द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत वन विभाग द्वारा वन विभाग सहित जिला मुख्यालय में अवस्थित विभिन्न सरकारी विभागों के दीवारों पर चित्र बनवाया जा रहा है. जिसमें विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी, महिलाएं, पुरुष, खेत-खलिहान, मकान, ढोल-मांदर बजाकर नाचते-गाते, इंसानों व जानवरों द्वारा अलग-अलग शिकार करते सहित विभिन्न प्रकार के चित्र बनाया जा रहा है. जिससे लोगों को झारखंड की विलुप्त होती संस्कृति भी लोगों को देखने को मिल रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2021 7:29 PM

Jharkhand News (गुमला), रिपोर्ट- जगरनाथ पासवान : गुमला में सोहराई कला को जीवित रखने की पहल की गयी है. इसके कलाकार भी हैं. यह कला जीवित रहे. इसके लिए वन विभाग, गुमला में अनूठी पहल की है. गुमला में झारखंड राज्य की पुरानी सोहराई कला को बढ़ावा दिया जा रहा है.

सोहराई कला ने गुमला की दीवारों को दी एक नयी पहचान, बेहतर कलाकृति से बढ़ी सुंदरता, देखें pics 4

सोहराई कला को भिती चित्रकला के नाम से भी जाना जाता है. इस कला को गुमला वन प्रमंडल द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत वन विभाग द्वारा वन विभाग सहित जिला मुख्यालय में अवस्थित विभिन्न सरकारी विभागों के दीवारों पर चित्र बनवाया जा रहा है. जिसमें विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी, महिलाएं, पुरुष, खेत-खलिहान, मकान, ढोल-मांदर बजाकर नाचते-गाते, इंसानों व जानवरों द्वारा अलग-अलग शिकार करते सहित विभिन्न प्रकार के चित्र बनाया जा रहा है. जिससे लोगों को झारखंड की विलुप्त होती संस्कृति भी लोगों को देखने को मिल रही है.

सोहराई कला ने गुमला की दीवारों को दी एक नयी पहचान, बेहतर कलाकृति से बढ़ी सुंदरता, देखें pics 5
झारखंड की पुरानी कला

बता दें कि सोहराई कला झारखंड की पुरानी कला है. दीपावली पर्व के बाद सोहराई पर्व मनाया जाता है. इस पर्व के दौरान लोग अपने घर की दीवारों की रंगरोगन कराने के बाद घर के बाहर की दीवार पर चित्रकारी करते हैं. जिसमें विभिन्न प्रकार के चित्र बनाये जाते हैं. जिसमें प्राय: सकारात्मक चित्रों का ही प्रस्तुतीकरण होता है. साथ ही पशुओं की पूजा भी की जाती है. वर्तमान में लोगों में इस कला के प्रति रूचि घटती दिख रही है. लेकिन, वन विभाग इस कला को बढ़ावा देने में लगा हुआ है.

सोहराई कला ने गुमला की दीवारों को दी एक नयी पहचान, बेहतर कलाकृति से बढ़ी सुंदरता, देखें pics 6
4 लाख रुपये खर्च होंगे

वन विभाग, गुमला द्वारा सोहराई कला को बढ़ावा देने के लिए लगभग 4 लाख खर्च किया जा रहा है. वहीं, स्थानीय कलाकार भी इससे लाभांवित हो रहे हैं. सोहराई कला के तहत स्थानीय कलाकारों से दीवारों पर चित्र बनवाया जा रहा है. चित्र बनने के बाद दीवारों की सुंदरता भी बढ़ गयी है. इसके साथ ही दीवारों पर विभिन्न प्रकार के कलाकृतियों से स्वच्छ भारत मिशन भी कामयाब बन रहा है क्योंकि दीवारों पर चित्रकारी होने के बाद लोग दीवारों पर थूक नहीं रहे हैं.

Also Read: गुमला जिला में 16 हजार की आबादी पर मात्र एक डॉक्टर, अभी भी रिक्त है 78 पद, पढ़िए वहां की चौपट होती स्वास्थ्य व्यवस्था झारखंड की कला को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश : डीएफओ

गुमला के डीएफओ श्रीकांत ने बताया कि वन विभाग वन्य जीवों व वन के संरक्षण और संवर्द्धन के साथ झारखंड की पुरानी सोहराई कला को भी अक्षुण्ण बनाये रखने की दिशा में काम कर रहा है. इसके तहत सरकारी भवनों की दीवारों पर चित्रकारी कराया जा रहा है, ताकि लोग झारखंड की कला को जान सके.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version