झारखंड : गुमला में कारीगरों का देखिए हुनर, कबाड़ के लोहे से बनायी सारस और अन्य जीव-जंतुओं की मूर्तियां

गुमला में कबाड़ महोत्सव में कारीगरो ने अपनी हुनर दिखाये. कबाड़ के लोहे से सारस और स्क्रैप से अन्य जीव-जंतुओं की मूर्तियां बनायी. नगर भवन में आयोजित कबाड़ महोत्सव को लेकर प्रैक्टिकल प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ.

By Prabhat Khabar | June 1, 2023 6:06 AM

Jharkhand News: गुमला नगर परिषद की ओर से आयोजित ‘कबाड़ महोत्सव’ के तीसरे दिन नगर भवन में प्रैक्टिकल प्रशिक्षण का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में कबाड़ हो चुकी चीजों से कैसे उपयोगी चीजें बनायी जाए इस दिशा में प्रायोगिक जानकारी दी गयी. इस दौरान कबाड़ वस्तुओं के संग्रह को दिखाते हुए उनसे बनी वस्तुओं को दिखाया गया. वहीं, स्क्रैप लोहे से वेल्डिंग कर मूर्तियां एवं कलाकृतियों को बनाना सिखाया गया.

कबाड़ से बनी वस्तुओं से करें अच्छी आमदनी

जमशेदपुर से आये जंकमैन शुभेंदु विश्वास ने शहर के कबाड़ कारोबारियों, स्टार्टअप के इच्छुक युवाओं एवं रचनाशील महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया. उन्होंने बताया कि 400-500 रुपये की कीमत के स्क्रैप लोहे से कलाकृति या स्कल्पचर बनाकर उसे आर्ट गैलरियों में 40 से 50 हजार रुपये मूल्य पा सकते हैं. शुभेंदु ने दर्जनों स्क्रैप वस्तुओं से बनने वाले कुछ प्रमुख कलाकृतियों के बारे में बताया. साथ ही उनका मार्केट कैसे मिलेगा, इनको कौन खरीदेगा, किस-किस प्लेटफार्म पर तैयार कलाकृतियों को बेचा जा सकता है. इसकी सभी की जानकारी दी. मौके पर अपर समाहर्ता श्री सुधीर कुमार गुप्ता, नगर परिषद के प्रशासक संजय कुमार, नगर परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष दीप नारायण उरांव, मुनेश्वर साहू, लालचंद फोगला, शशि प्रिया बंटी, सोनाली त्रिपाठी समेत कई लोग मौजूद थे.

स्क्रैप से सुंदर कलाकृतियां बना कर दिखायी

स्क्रैप हो चुके लोहे की वस्तुओं से खूबसूरत जीव-जंतुओं की मूर्तियां बना कर दिखायी गयी. इस कला को देखकर गुमला के युवाओं को प्रेरणा मिली. लोहे के टुकड़े से छह फुट ऊंचे सारस की प्रतिकृति बनायी गयी, तो वहीं स्क्रैप के टुकड़ों से अन्य जीव-जंतुओं की मूर्तिया बनायी.

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शहर में बनेगा री-साइकिल सेंटर

प्रशासक संजय कुमार ने कबाड़ व्यवसायियों व युवाओं से कहा कि यदि वे लोग कबाड़ से स्कल्पचर बनाने के स्टार्टअप को शुरू करना चाहते हैं, तो इसके लिए नगर परिषद न केवल उन्हें स्थान मुहैया करा देगा. बल्कि इसके लिए जरूरी मशीनरी व मार्केटिंग प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. यदि कोई स्वयं सहायता समूह या युवाओं का समूह भी कबाड़ से जुगाड़ संबंधी कोई स्टार्टअप शुरू करता है, तो वह उसको पूरा सहयोग प्रदान करेंगे.

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