संस्कृति व एकता से होती है आदिवासी समाज की पहचान : डीआइजी
आदिवासी संस्कृति जतरा का आयोजन
बिशुनपुर. प्रखंड अंतर्गत होलंग भइयाटोंगरी में मंगलवार को आदिवासी संस्कृति जतरा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में क्षेत्र की समृद्ध जनजातीय परंपरा, लोक कला व संस्कृति की सुंदर झलक देखने को मिली. जतरा का मुख्य आकर्षण नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा, जिसमें देर रात तक लोगों को झुमाया. जतरा का उदघाटन सीआरपीएफ के डीआइजी रवींद्र भगत व विशिष्ट अतिथि सुनील तिर्की व जतरा आयोजन समिति के अध्यक्ष बिरसाय उरांव ने संयुक्त रूप से किया. मुख्य अतिथि डीआइजी रवींद्र भगत ने कहा कि आदिवासी समाज की पहचान उसकी संस्कृति, एकता व सामाजिक मूल्यों से होती है. उन्होंने कहा कि आज के समय में शिक्षा, नशामुक्त समाज, आपसी भाईचारा और महिलाओं के सम्मान को प्राथमिकता देना आवश्यक है. उन्होंने युवाओं से नशाखोरी, हिंसा व कुरीतियों से दूर रह कर शिक्षा, खेल व संस्कृति के क्षेत्र में आगे बढ़ने का आह्वान किया. सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकार सुरेंद्र महली, अंजली देवी, केशव देवी, मनीषा, सुभाष महली व रेशमा समेत अन्य कलाकारों ने नागपुरी गीतों व पारंपरिक नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी. ढोल, मांदर व नगाड़ा की थाप पर ग्रामीण देर रात तक झूमते रहे. जतरा को लेकर पुलिस अलर्ट रही. जतरा को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष बिरसाय उरांव, सोमा उरांव, बंधन मुंडा, करमचंद्र उरांव, जयपाल बड़ाइक, अशोक मुंडा, संतोष बड़ाइक, अनिल उरांव, वंदन उरांव, श्रवण तिर्की, अजय उरांव, प्रेमचंद उरांव की अहम भूमिका रही.
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