कार्तिक उरांव ने बिरसा मुंडा के चेतना को आगे बढ़ाये थे : राष्ट्रपति
मांझाटोली में दो दिवसीय अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम सह कार्तिक जतरा संपन्न
गुमला. गुमला के रायडीह प्रखंड स्थित मांझाटोली में आयोजित दो दिवसीय अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम सह कार्तिक जतरा मंगलवार को संपन्न हुआ. समापन समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू थीं. राष्ट्रपति ने करीब 30 मिनट तक संबोधन किया. उन्होंने झारखंड समेत गुमला के कई स्वतंत्रता सेनानियों व वीर शहीदों के संघर्ष की जानकारी दी. उन्होंने गुमला को वीरों की भूमि कहा. राष्ट्रपति ने कहा कि स्व कार्तिक उरांव ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के चेतना को आगे बढ़ाये थे. सबसे अधिक सामाजिक चेतना व शिक्षा के लिए काम किये. कार्तिक उरांव पूरे जनजाति समुदाय के लिए गौरव हैं. वे शिक्षा को काफी महत्व दिये. उनका सपना विश्वविद्यालय निर्माण का था. उनके सपने को पूरा करने का प्रयास किया जायेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य समारोह होता रहता है. भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर भी ऐसे मौके मिलते रहते हैं. पंखराज कार्तिक उरांव सभी के लिए प्रेरणा हैं. वे भारत के गौरव हैं. उन्होंने शिक्षा के महत्व पर विशेष जोर दिया था. विदेश में शिक्षा ग्रहण की. लेकिन अपनी माटी के लिए उनकी सोच गहरी थी. खुशी इस बात की है कि झारखंड, ओड़िशा व छत्तीसगढ़ राज्य के सीएम जनजाति समाज से हैं. कहा कि सरकार की पहल से भगवान बिरसा मुंडा के नाम से कई योजनाएं चल रही हैं. आदिवासी समाज के लोगों से अपील है कि आप सरकारी योजनाओं का लाभ उठायें. गुमला जिले के जनजातियों के संघर्ष की लंबी कहानी है. उन्होंने युवाओं से कहा कि आप अपनी सोच को बेहतर दिशा में ले जायें. युवा आगे बढ़ेंगे, तभी समाज व राज्य आगे बढ़ेगा. सोहराई व मधुबनी की पटिया ने पहचान दी है. झारखंड हस्तशिल्प के मामले में आगे हैं. हस्तशिल्प को और आगे ले जाने की जरूरत है. कार्तिक जतरा में पूर्व सांसद सुदर्शन भगत, पूर्व विधायक कमलेश उरांव, आरएसएस के शम्मी, विनय कुमार लाल, मुनेश्वर साहू, राधामोहन साहू, निर्मल गोयल, दामोदर कसेरा, राजेश लोहानी, कौशलेंद्र जमुवार, संजय वर्मा, जगदीश सिंह, मंगल सिंह भोक्ता, विजय कुमार मिश्रा, भाजपा नेता संजीव कुमार, दीप्ति कच्छप, लीलावती उरांव, डॉ देवेंद्र शर्मा, प्रोफेसर रमाकांत द्ववेदी, इंद्रजीत भगत, शिव बालक भगत, वनवासी कल्याण आश्रम अध्यक्ष उमेश कच्छप, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष राजू गुप्ता, आकाश पांडे, पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, पूर्व मंत्री गणेश राम भगत, पूर्व राज्यसभा सदस्य समीर उरांव, पूर्व मंत्री विमला प्रधान, संयुक्त सचिव विकास भारती महेंद्र भगत, पूर्व विधायक बिनय कुमार भगत, रामावतार भगत, देवेंद्र लाल उरांव, हरिहर साहू आदि मौजूद थे.
15 सालों से विवि निर्माण की हो रही है मांग : शिवशंकर
आयोजन समिति के अध्यक्ष सह पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा है कि हमलोग 2010 से इस जतरा को मनाते आ रहे हैं. कार्तिक उरांव का सपना था कि आदिवासी विश्वविद्यालय बने. इस सपने को पूरा करने के लिए एक प्रयास चल रहा है. हर साल यहां तीन राज्यों के लोग आते हैं. समारोह मनाते रहे हैं. महात्मा गांधी हमारे राष्ट्रपिता हैं. इसलिए इस क्षेत्र के आदिवासी लोगों ने कहा है कि आप (राष्ट्रपति) अब हमारी राष्ट्र माता हैं. आज से हमारे आदिवासी और सदान वर्ग के लोग आपको राष्ट्र माता के नाम से पुकारेंगे. आने वाली पीढ़ी को ऐसी शिक्षा मिले, जो इस देश की सेवा कर सके. 1981 ईस्वी में तत्कालीन पीएम के समक्ष कार्तिक उरांव ने विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव रखा था. उस समय के पीएम इंदिरा गांधी ने प्रस्ताव को स्वीकार किया था. आदिवासी व सदान वर्ग के लिए विश्वविद्यालय बनाने की मांग रखी थी. उस समय आदिवासी निकेतन विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव हुआ. उस समय मध्यप्रदेश के सीएम ने मध्यप्रदेश में विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिए थे. परंतु कुछ कारणवश उस समय वह पूरा नहीं हुआ. इसके बाद 2010 से विश्वविद्यालय बनाने की मांग गुमला के मांझाटोली में चल रही है. कार्तिक उरांव को भारत रत्न की उपाधि मिले. अगर यहां विश्विद्यालय बनता है, तो तीन राज्यों के लोग आपको राष्ट्र माता के नाम से पुकारेंगे.महिलाओं ने आदिवासी लोक कला का किया प्रदर्शन: कार्तिक जतरा में झारखंड, ओड़िशा व छत्तीसगढ़ राज्य से आये आदिवासी महिला व पुरुषों ने आदिवासी पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किये. नृत्य मंडलियों ने अपनी लोक कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया. सैकड़ों खोड़हा दल का कार्यक्रम जतरा को मनमोहक बना दिया. खोड़हा दल पूरे उत्साह व उमंग पर नाचते-गाते नजर आये. सभी लोग पारंपरिक वेशभूषा में थे.
सभा स्थल से चारों ओर 40 किमी तक थी सुरक्षा
झारखंड व छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती मांझाटोली में राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. सभा स्थल से चारों ओर 40 किमी की दूरी तक चाक चौबंद सुरक्षा. गुमला से लेकर जशपुर जिला व सीमावर्ती जिला तक पुलिस फोर्स तैनात था. कई स्थानों पर बैरिकेडिंग की गयी थी. सभा स्थल से 10 किमी की दूरी तक बड़ी गाड़ियों के आवागमन पर रोक लगा दी गयी थी. सभा स्थल के चारों ओर सिर्फ पुलिस जवान तैनात थे. गुमला व जशपुर पुलिस पूरी तरह अलर्ट थी.
डीसी ने राष्ट्रपति को भेंट की सोहराई पेंटिंग
गुमला उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सोहराई पेंटिंग भेंट की. डीसी से मिले सोहराई पेंटिंग को देख कर राष्ट्रपति काफी खुश हुई. इससे पहले राष्ट्रपति हेलीकॉप्टर से छत्तीसगढ़ व झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में बने हैलीपेड में उतरी. वहां से सड़क मार्ग से सभा स्थल पर पहुंची. सबसे पहले राष्ट्रपति ने मांझाटोली में स्थापित स्व कार्तिक उरांव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस दौराल दोनों राज्यों के राज्यपाल व छत्तीसगढ़ के सीएम मौजूद थे.
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