सप्त शक्ति संगम का आयोजन किया गया
विद्या भारती के तत्वावधान में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर गुमला में जिला स्तरीय सप्त शक्ति संगम का भव्य आयोजन किया गया.
गुमला विद्या भारती के तत्वावधान में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर गुमला में जिला स्तरीय सप्त शक्ति संगम का भव्य आयोजन किया गया. इस संगम में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर गुमला, सिसई, भरनो, मुरगू, कैंबा, टेंगरिया, रायडीह व एकल विद्यालय से 84 दीदी तथा समाज के अन्य प्रबुद्ध महिलाओं ने भाग लिया. कार्यक्रम का शुभारंभ शिशु वाटिका प्रमुख पूनम सारंगी, महिला पर्यवेक्षिका सरिता आनंद, लोहरदगा विद्यालय की आचार्या जामवंती मिश्रा, कार्यक्रम प्रमुख अन्नपूर्णा कुमारी एवं संगीता कुमारी ने किया. कार्यक्रम में प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए अन्नपूर्णा कुमारी ने कहा कि भारतीय नारी देवी की प्रतिमूर्ति होती है जो समय-समय पर दुर्गा, काली व चंडी का रूप धारण कर समाज का कल्याण करती है. जामवंती मिश्रा ने कहा कि जिस तरह गंगा, गायत्री व गीता के बिना हमारा संरक्षण संभव नहीं है. उसी तरह हमें सीता, जीजाबाई व अनसूया जैसी माता बनकर ओजस्वी बालकों का निर्माण करना चाहिए. ताकि वे देश के विकास में सहभागी बन सकें. सरिता आनंद ने कहा कि शिक्षा के बल पर महिलाओं को अपने रूढ़ीवादी विचारों से लड़कर अपने अधिकारों को जानने की आवश्यकता है. अध्यक्षीय भाषण में पूनम सारंगी ने कहा कि भारतीय नारी अबला नहीं है. बल्कि सुषुप्त अवस्था में है और उन्हें जागृत करने की आवश्यकता है. आचार्या नीलम सहदेव द्वारा एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसका उद्देश्य धर्म व संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाना था. इसमें उपस्थित मातृशक्ति से धर्म व संस्कृति से जुड़े कई सवाल पूछे गये. सही उत्तर देने वाली प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया. आचार्य अन्नपूर्णा दीदी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम का समापन हुआ.
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