ग्रामीणों लोगों को स्वायत्तशासी बनाना है : संयोजक
84 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन
गुमला. डांडा पड़हा रायडीह के तत्वावधान में आयोजित 84 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन शुक्रवार को हुआ. इसमें बैगा, पहान, पुजार और चैनपुर, जारी व डुमरी के पदधारी शामिल हुए. शिविर में सभी को गीत, भजन, पूजा-पाठ, परंपरा, संस्कृति व गांव में शासन का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के मुख्य संयोजक सह मूली देवान चुंइया कुजूर ने कहा कि प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य गांव के लोगों को स्वायत्तशासी बनाना है, ताकि अपने गांव के लिए नीति-नियम का निर्धारण कर गांव के पंच बेल, देवान, कोटवार, बैगा, पहान, पुजार, ग्रामप्रधान, मुखिया व वार्ड के समन्वय से गांव को सशक्त बनाया जा सके. मूली पड़हा के कोटवार देवेंद्र लाल उरांव ने कहा कि आदिवासी प्रकृति के हिसाब से चलेंगे. गांव अपनी परंपरा रूढ़ीवादी प्रथाओं के साथ भारतीय संविधान का सम्मान करते हुए चलेंगे. सुशील उरांव ने कहा कि पड़हा स्वशासन व्यवस्था को परंपरा, संस्कृति व संविधान का सम्मान करते हुए गांव में लागू करना है. रकम उर्वस गौरी किंडो ने कहा कि समाज काम में दान देने की प्रवृति पूर्वजों ने चली आ रही है. एक मुट्ठी चावल और एक रुपये दान का समाज सशक्तीकरण में अपना योगदान दे सकते हैं. मौक पर उप कहतो पुष्पा उरांव, उप बेल छोटेलाल भगत, गीता उरांव, बेल शशिकांत बेक, देवान सोमेश्वर टाना भगत, पारसनाथ उरांव, सुखराम खड़िया, विनिता उरांव, गुरुदेव मुंडा, संजय टोप्पो, सुमन मुंडा, सीताराम भगत, जगरनाथ भगत, कमला उरांव, कृष्णा मुंडा, धीरज उरांव, राजेश उरांव, जोगी उरांव, हीरालाल एक्का मौजूद थे.
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