गुमला में गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा है जननी शिशु सुरक्षा योजना का लाभ, अब डॉक्टर दे रहे हैं ये दलील

लेकिन सदर अस्पताल गुमला में अल्ट्रासाउंड सेवा वर्षों से खराब होने के कारण अस्पताल प्रबंधन निजी अल्ट्रासाउंड संचालकों से टाइअप कर कराता था. लेकिन जब सरकार द्वारा हेल्थ मैप कंपनी से एमओयू किया गया, तो अस्पताल परिसर में गर्भवती महिलाओं का नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड हो रहा था. लेकिन 15 अप्रैल से हेल्थ मैप कंपनी में भी अल्ट्रासाउंड बंद हो गया है. जिस कारण गर्भवती महिलाओं को जेएसएसके का लाभ नहीं मिल रहा है.

By Prabhat Khabar | June 3, 2021 1:20 PM

गुमला : गुमला जिला के गर्भवती महिलाओं को जेएसएसके (जननी शिशु सुरक्षा योजना) का लाभ नहीं मिल रहा है. चूंकि अस्पताल में प्रतिदिन गर्भवती महिलाओं की जांच हो रही है. दवा भी मिल रही है. लेकिन अल्ट्रासाउंड सेवा सदर अस्पताल में नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां बताते चलें कि जेएसएसके के तहत सभी गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड नि:शुल्क होता था.

लेकिन सदर अस्पताल गुमला में अल्ट्रासाउंड सेवा वर्षों से खराब होने के कारण अस्पताल प्रबंधन निजी अल्ट्रासाउंड संचालकों से टाइअप कर कराता था. लेकिन जब सरकार द्वारा हेल्थ मैप कंपनी से एमओयू किया गया, तो अस्पताल परिसर में गर्भवती महिलाओं का नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड हो रहा था. लेकिन 15 अप्रैल से हेल्थ मैप कंपनी में भी अल्ट्रासाउंड बंद हो गया है. जिस कारण गर्भवती महिलाओं को जेएसएसके का लाभ नहीं मिल रहा है.

क्या कहती हैं गर्भवती महिलाएं :

सदर अस्पताल में जांच कराने आयी टोटो निवासी आसिया परवीन ने बताया कि अस्पताल में इलाज हो रहा है. दवा भी मिलती है. लेकिन अल्ट्रासाउंड नहीं होने से परेशानी हो रही है. टैसेरा निवासी राधिका देवी ने कहा कि अल्ट्रासाउंड चिकित्सक द्वारा लिखने पर निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर में काफी भीड़ होती है.

इकलौता अल्ट्रासाउंड होने से काफी परेशानी हो रही है. जहां पैसा भी देना पड़ता है. कलिगा निवासी बिरसमुनी देवी व घाटो बगीचा निवासी प्रीति कुमारी ने कहा कि अल्ट्रासाउंड शहर में एक जगह होने से परेशानी है. सुबह जाने पर तीन से चार घंटे इंतजार करना पड़ता है. सरकार द्वारा फ्री जांच कराना है. परंतु उसका लाभ नहीं मिल रहा है.

सदर अस्पताल व जिला प्रशासन को अस्पताल परिसर में ही अल्ट्रासाउंड सेवा शुरू करानी चाहिए. हेल्थ मैंप कंपनी द्वारा ठप हुए अल्ट्रासाउंड को शुरू कराने के लिए हेल्थ मैप कंपनी को नोटिस जारी करना चाहिए. साथ ही उसके पास चिकित्सक नहीं है, तो उसका एमओयू रद्द कर दूसरी कंपनी को देना चाहिए. जिससे गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने में सुविधा मिल सके.

प्रभारी डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने कहा कि सदर अस्पताल के पास अल्ट्रासाउंड चिकित्सक है. लेकिन हमारा मशीन चिकित्सक के आभाव में कंडम घोषित हो गया. मैंने सीएस व डीसी को पत्र प्रेषित कर अल्ट्रासाउंड मशीन व लाइसेंस की मांग की है. लेकिन उनके द्वारा कोई पहल नहीं की गयी है. जिसके कारण ऐसी व्यवस्था उत्पन्न हो गयी है. अगर उपरोक्त पदाधिकारी इस पर गंभीर होंगे, तो अविलंब ही व्यवस्था शुरू हो सकेगी.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version