प्रभात खबर संवाद : गुमला जिले में 1500 चापानल में 700 का बोरिंग फेल है : अनुज

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग गुमला के कार्यपालक अभियंता अनुज कुमार मिश्रा प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम से जुड़े.

By VIKASH NATH | September 23, 2025 8:55 PM

: ग्रामीण जलापूर्ति योजना, शौचालय निर्माण व सोलर जलमीनार सहित कई योजनाओं पर कार्यपालक अभियंता अनुज कुमार मिश्रा बातचीत. गुमला में 22 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य, जिसमें 16000 शौचालय बनाने की स्वीकृति दी गयी है. अब लाभुक के खाते में सीधे पैसा जायेगा. 23 गुम 13 में अनुज कुमार मिश्रा गुमला. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग गुमला के कार्यपालक अभियंता अनुज कुमार मिश्रा प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम से जुड़े. इस दौरान उन्होंने ग्रामीण जलापूर्ति योजना, शौचालय निर्माण व सोलर जलमीनार सहित कई योजनाओं पर बात की. उन्होंने पूर्व में गुमला में ली गयी योजनाओं की स्थिति व आने वाले दिनों में गुमला में होने वाले कामों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा है कि हर घर में शौचालय बने. इसके लिए विभाग काम कर रहा है. इसके अलावा गांव-गांव में पानी पहुंचाने की योजना भी ली जा रही है. जिससे लोगों को पानी के लिए भटकना न पड़े. सवाल. गांव-गांव में सोलर जलमीनार बनी है. परंतु, इसमें अधिकांश खराब है. लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. आखिर सोलर जलमीनार की मरम्मत क्यों नहीं होती है? जवाब : वर्ष 2017-2018 और वर्ष 2018-2019 में एसटी, एससी व पीवीटीजी गांवों में सोलर जलमीनार बनी है. इधर, हाल के वर्षो में भी सोलर जलमीनार का निर्माण किया गया है. यह सभी योजनाएं ग्राम जल स्वच्छता समिति के अधीन है. इसमें निश्चित रूप से कई जगह से सोलर जलमीनार खराब होने की शिकायत मिलते रही है. अगर कहीं जलमीनार खराब है. पानी नहीं मिल रहा है तो ग्रामीण अपनी शिकायत दर्ज कराकर 15वें वित्त से मरम्मत करा सकते हैं. खराब जलमीनार को लेकर गांव-गांव में सर्वे भी हुआ है. ग्राम पंचायत डेवलप प्रोग्राम के तहत काम हो रहा है. 15वें वित्त के तहत गांवों में पेयजल एवं स्वच्छता पर 30-30 प्रतिशत खर्च करना है. सवाल : पेयजल में कोई नयी योजना ली गयी है या आने वाले दिनों में कोई नया प्लान है या नहीं? जवाब : गुमला जिले में पेयजल की 1500 योजना ली गयी है. जिसमें वर्तमान में 800 योजनाएं चालू स्थिति में है. लोगों को पानी मिल रहा है. कई गांवों को अब पानी के लिए भटकना नहीं पड़ता है. परंतु, इन 1500 योजना में 700 योजनाएं बेकार है. इसका मुख्य कारण बोरिंग फेल होना है. हालांकि, इसमें से 370 योजनाओं में प्रस्ताव बनाकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग झारखंड सरकार को भेजी गयी है. ताकि जिन गांवों में पानी की विकराल समस्या है. उन गांवों में पानी की व्यवस्था कर लोगों को पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जा सके. सवाल : अगर कहीं सोलर जलमीनार खराब है या चापानल बेकार है. ऐसे में लोग कहां शिकायत करें. जिससे उनकी समस्या दूर हो सके? जवाब : अगर किसी गांव में पानी को लेकर कोई समस्या है तो बेहिचक ग्रामीण टोल फ्री नंबर 18003456502 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. ग्रामीणों द्वारा की जाने वाली शिकायल सीधे रांची नेपाल हाउस में दर्ज होगी. उसके बाद वहां से गुमला कार्यालय को इसकी जानकारी दी जायेगी. जिससे जिस गांव से पानी की जो समस्या आती है. उसे दूर किया जा सके. ऐसे, हैंडओवर योजना में फंड के अभाव में मरम्मत का काम नहीं हो पा रहा है. यह समस्या डेढ़ सालों से है. सवाल : गुमला जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. इसके बाद भी कई गांवों में शौचालय नहीं है. लोग खुले में शौच करते हैं? जवाब : गुमला जिले को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित करने के बाद भी लगातार गांवों में जरूरत के अनुसार शौचालय का निर्माण हो रहा है. क्योंकि, यह एक निरंतर प्रक्रिया है. जिन जिन गांवों में शौचालय नहीं बना है. उस क्षेत्र के मुखिया द्वारा सूची देने के बाद वहां शौचालय बनवाने का काम किया जा रहा है. वर्तमान में गुमला जिले में 22 हजार शौचालय और बनाने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें 16 हजार लाभुकों की स्वीकृति हो गयी है. जल्द गुमला जिले के सभी गांवों में शौचालय बन जायेगा. सवाल : शौचालय बनाने के लिए लाभुकों को राशि कीतनी दी जा रही है? जवाब : पहले की तरह ही 12 हजार रुपये प्रति लाभुक को शौचालय बनाने के लिए राशि दी जा रही है. पहले एनजीओ व समूह के माध्यम से शौचालय बनता था. परंतु, अब चयनित लाभुक के खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपये की राशि दी जा रहा है. लाभुक चाहे तो इसमें और पैसा मिलाकर बेहतर व सुंदर शौचालय बना सकते हैं.

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