बिन मां-बाप की बेटियों ने गुमला प्रशासन से लगायी मदद की गुहार

बिन मां-बाप की दो बेटियों ने गुमला प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है. मामला पालकोट प्रखंड के हरिजनटोली गांव की है. गांव के टिंकू नायक की दो बेटी आंसु कुमारी (16) व सत्या कुमारी (8) घर के अभाव में अपनी फुआ के यहां रहने को विवश है. टिंकू नायक मजदूरी करने के लिए दिल्ली गया था. अचानक लापता हो गया. 8 साल से उसका कोई अता-पता नहीं है.

By Mithilesh Jha | November 21, 2020 7:28 PM

गुमला : बिन मां-बाप की दो बेटियों ने गुमला प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है. मामला पालकोट प्रखंड के हरिजनटोली गांव की है. गांव के टिंकू नायक की दो बेटी आंसु कुमारी (16) व सत्या कुमारी (8) घर के अभाव में अपनी फुआ के यहां रहने को विवश है. टिंकू नायक मजदूरी करने के लिए दिल्ली गया था. अचानक लापता हो गया. 8 साल से उसका कोई अता-पता नहीं है.

टिंकू के गायब होने के बाद उसकी पत्नी सदमे में रहने लगी. वह बीमार पड़ गयी. बीमारी का इलाज कराने में सक्षम नहीं थी. सो इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गयी. पिता के लापता होने और मां के निधन के बाद दोनों बहनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. दोनों बच्चियां अनाथ हो गयीं. किसी तरह जीवन बीत रहा था.

अपना घर नहीं था. सो, दोनों बच्चियों को उनके फूफा सूरज नायक व फुआ सहोदरी देवी ने अपने साथ रख लिया. सूरज नायक ने बताया कि दोनों बच्चियों का वह पालन-पोषण कर रहा है. इन बच्चियों की मां का तीन साल पहले देहांत हो गया. इनका पिता 8 साल पहले दिल्ली कमाने के लिए गया और आज तक नहीं लौटा.

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सूरज नायक ने बताया कि उसने भी टिंकू नायक की काफी खोजबीन की, लेकिन उसका पता नहीं चला. सूरज ने कहा कि इन लोगों को न तो जनवितरण प्रणाली की दुकान से राशन मिलती है, न ही सरकार की तरफ से कोई लाभ आज तक मिला है. मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों के साथ इन दोनों बच्चियों को भी पाल रहे हैं.

सूरज ने कहा कि बच्चियों का अपना घर नहीं है. जो है, वो टूटा-फूटा है. दोनों बच्चियां आस-पड़ोस के घरों में रहती हैं. इनके घर में बरसात का पानी बाहर कम, अंदर ज्यादा गिरता है. दोनों बच्चियों में बड़ी बहन आंसु कुमारी कंदर्प उच्च विद्यालय में कक्षा 9 में पढ़ती है. छोटी बहन सत्या वर्ग सात में बालक मध्य विद्यालय पालकोट में पढ़ रही है.

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बच्चियों के फूफा ने कहा कि दोनों बच्चियों को अपना आवास मिल जाता, तो उनकी बड़ी समस्या दूर हो जाती. हमलोग इनके भोजन का इंतजाम कर देते. अभी उनकी देख-रेख करते ही हैं, आगे भी करते रहेंगे.

Posted By : Mithilesh Jha

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