करम पेड़ से निकलता है सबसे अधिक ऑक्सीजन : डीडीसी

कार्तिक उरांव कॉलेज स्थित मुख्य छात्रावास में मनाया गया करम पर्व

By Prabhat Khabar News Desk | September 4, 2025 8:47 PM

गुमला. गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज स्थित मुख्य छात्रावास में करम पर्व मनाया गया. मिौके पर युवक-युवतियों ने पारंपरिक वेशभूषा में पूजा कर करम पर्व की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का संकल्प लिया. इस दौरान बहनों ने करम डाल की पूजा की. पूजा के बाद पारंपरिक परिधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की सहायता से नृत्य व संगीत की प्रस्तुति दी गयी. मुख्य अतिथि जावा पुंज फाउंडेशन ट्राइबल स्कूल के डायरेक्टर जयमंती तिर्की थी. उन्होंने करम महोत्सव को कुड़ुख भाषा में संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज भले ही पढ़े-लिखे नहीं थे, परंतु वे वैज्ञानिक थे और उन्हें बेहतर पता था कि प्रकृति से हमारा जीवन है. इसलिए वह प्रकृति की पूजा व संरक्षण व संवर्धन करते थे. डीडीसी दिलेश्वर महतो ने कहा है कि करम पर्व सद्भाव व भाइचारगी का पर्व है. पर्व में हमलोग करम डाल की पूजा कर अपने घर में सुख-समृद्धि व शांति के अलावा अच्छी फसलों की कामना करते हैं. कहा कि हम लोग प्रकृति के पूजक व संरक्षक हैं. हमारे पूर्वजों द्वारा ही करमा पर्व शुरू किया गया था. क्योंकि उन्हें पता था कि करम के पेड़ से सबसे अधिक ऑक्सीजन निकलता है. इसलिए उसकी पूजा की जाती है. करमा के दिन खेतों पर भेलवा की डाली लगायी जाती है, इसके पीछे मुख्य मकसद होता है कि भेलवा की डाली से खेत में पड़ने वाले कीड़े मर जाते हैं. अपर समाहर्ता शशिंद्र बड़ाइक, एलआरडीसी राजीव कुमार, डीएसपी वीरेंद्र टोप्पो, थाना प्रभारी महेंद्र करमाली ने कहा है कि पाषाण युग के बाद जब मानव गांवों में बसना शुरू किये, तो सर्वप्रथम जौ की खेती शुरू हुई. इसलिए करम पूजा के समय जौ का जावा उठाया जाता है. कार्यक्रम में अधिकारियों ने ढोल व मांदर बजाते हुए जमकर थिरके. मौके पर अध्यक्ष अनिल उरांव, उपाध्यक्ष अरुण उरांव, सचिव भूषण, उपसचिव ए उरांव, कोषाध्यक्ष अनूप उरांव, शिवम समेत अन्य लोग मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है