करम पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक
करम पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक
गुमला. डीएवी गुमला में करम पर्व पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें नन्हें बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. प्रधानाचार्य डॉ रमाकांत साहू ने कहा कि करम पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है, जिसे अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र व सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है. यह एक आदिवासी फसल उत्सव भी है, जो अच्छी फसल व प्रकृति की पूजा से जुड़ा है. इस पर्व पर बहनें अपने भाइयों के लिए उपवास रखती हैं. और करम वृक्ष की शाखा की पूजा करती हैं. यह विद्यार्थियों को हमारी संस्कृति के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है और प्रकृति से जोड़ता है. साथ ही इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों में रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं और उनकी प्रतिभा को निखारते हैं. शिक्षिका संजुक्ता खटुआ ने कहा कि करम पर्व मनाने से झारखंडी संस्कृति की झलक मिलती है. शिक्षिका छवि कृति के मार्गदर्शन में जूनियर विंग के विद्यार्थियों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुति किये.
आदि कर्मयोगी कार्यशाला का समापन
डुमरी. प्रखंड सभागार में आयोजित तीन दिनी प्रखंड स्तरीय उन्मुखीकरण आदि कर्मयोगी कार्यशाला का मंगलवार को संपन्न हुआ. मुख्य अतिथि प्रमुख जीवंती एक्का थी. ट्रेनर जेई पुनीत एक्का, रौनक मेहता, अशोक गुप्ता, नसीम आलम, राजकिशोर ने कार्यशाला के दौरान कर्मयोगी योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी द. इसमें सरकारी कार्यों में दक्षता, पारदर्शिता व नैतिक मूल्यों को आत्मसात करने पर बल दिया गया. प्रमुख ने कहा कि कर्मयोगी योजना के तहत अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्यों को अधिक प्रभावी ढंग से कर सकते हैं, जिससे प्रशासनिक गुणवत्ता में सुधार होगा. कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों ने डिजिटल प्रशिक्षण मंच, क्षमता विकास, तथा मूल्य-आधारित शासन के पहलुओं पर प्रकाश डाला.
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