गरीबी के कारण कामडारा की 2 बेटियों की छूटी पढ़ाई, घर चलाने के लिए शराब बेचने को है मजबूर

Jharkhand News, Gumla News : गरीबी के कारण बेटियां पढ़ाई छोड़ दी. घर में खाने को अनाज नहीं. सरकारी सुविधा भी नहीं मिलती है. पेट की आग बुझाने के लिए शराब बेच रही है. शराब बेचकर जो पैसा मिलता है. उसी से घर का चूल्हा जलता है और घर के 6 सदस्यों के पेट की आग बुझ रही है. यह कहानी कामडारा प्रखंड के रामतोल्या पंचायत स्थित अंबाटोली गांव के शांति तानी के परिवार की है. शांति तानी का परिवार वर्तमान में जिस संकट में जी रहा है. यह सरकार की व्यवस्था की पोल खोल रही है. कामडारा प्रखंड प्रशासन के कार्य पर भी सवाल खड़ा कर रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2021 8:58 PM

Jharkhand News, Gumla News, गुमला (दुर्जय पासवान) : गरीबी के कारण बेटियां पढ़ाई छोड़ दी. घर में खाने को अनाज नहीं. सरकारी सुविधा भी नहीं मिलती है. पेट की आग बुझाने के लिए शराब बेच रही है. शराब बेचकर जो पैसा मिलता है. उसी से घर का चूल्हा जलता है और घर के 6 सदस्यों के पेट की आग बुझ रही है. यह कहानी कामडारा प्रखंड के रामतोल्या पंचायत स्थित अंबाटोली गांव के शांति तानी के परिवार की है. शांति तानी का परिवार वर्तमान में जिस संकट में जी रहा है. यह सरकार की व्यवस्था की पोल खोल रही है. कामडारा प्रखंड प्रशासन के कार्य पर भी सवाल खड़ा कर रहा है.

36 वर्षीय तानी की 4 बच्चे हैं. जिसमें 2 बेटियां 15 साल की जयतुन तानी और 12 साल की शिवरानी तानी है. ये दोनों बेटियां हाट बाजार व सड़क के किनारे शराब बेचती है. इसके बाद इनके घर का चूल्हा जलता है. अगर ये लोग शराब बेचकर पैसा नहीं कमाये, तो भूखों रहना पड़ेगा. गरीबी के कारण दोनों बहनों ने छठी और सातवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी है.

कामडारा के एक स्कूल में शांति तानी अपने दोनों बेटियों के नामांकन के लिए ले गयी थी. लेकिन, स्कूल में एडमिशन कराने के लिए पैसा नहीं होने के एडमिशन नहीं हो सका. मजबूरी में दोनों बहनें शराब बेचने लगी. परिवार में 10 वर्ष की अंशु तानी और 7 वर्ष के संजय तानी है. इन दोनों बच्चों का गांव के सरकारी स्कूल में एडमिशन हुआ है, लेकिन शिवरानी और जयतुन के पढ़ाई के लिए परिवार के पास पैसा नहीं है. इन बच्चों के पिता 48 वर्षीय जेम्स तानी मानसिक रोगी हैं. वह कुछ काम नहीं कर पाते हैं. अक्सर घर या फिर गांव में रहते हैं. इस परिवार को मददगार का इंतजार है, ताकि इन्हें कोई सरकारी सुविधा दिला दे और दोनों बेटियों का स्कूल में एडमिशन करा सके.

Also Read: नेत्रहीन दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए दिव्यांग संघ आगे आया,पीड़ित परिवार और पुलिस से की मुलाकात
घर कच्ची मिट्टी का, दरवाजा भी नहीं

शांति तानी बताती हैं कि उसका घर कच्ची मिट्टी का है. दरवाजा नहीं है. झाड़ियों से घर को चारों ओर से घेरे हुई है, ताकि कोई रात को घर में न घुस जाये. घर की जो स्थिति है. अगर मरम्मत या फिर नया घर नहीं बना, तो कभी भी ध्वस्त हो सकता है. राशन कार्ड भी नहीं बना है. शांति ने कहा कि कई बार पीएम आवास और राशन कार्ड के लिए सरकारी बाबुओं को आवेदन दी, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला. सरकारी मदद नहीं मिली. आज भी वह पीएम आवास और राशन कार्ड मिलने की आस लिए हुए है. घर की स्थिति ऐसी है कि वर्षों तक नये कपड़े नहीं खरीद पाते. पुराने कपड़े पहनकर चारों भाई- बहन रहते हैं. गर्म कपड़े भी नहीं है. आज भी एक अच्छी जिंदगी इन बच्चों के लिए किसी दिवास्वप्न से कम नहीं है. बदलाव के इंतजार में बच्चे और शांति तानी सभी हैं.

परिवार के संकट का ऐसा हुआ खुलासा

कुछ दिन पहले कामडारा थाना की पुलिस पोकला गेट के समीप अवैध शराब बिक्री के खिलाफ अभियान चला रही थी. पुलिस को देखकर शराब बेचने वाले सभी लोग भाग गये, लेकिन शांति तानी की बेटी शिवरानी भाग नहीं सकी. थानेदार देवप्रताप धान ने उसे पकड़ा. शराब बेचने का कारण पूछने पर घर की गरीबी सामने आयी. थानेदार ने तत्काल नकद राशि देते हुए शराब नहीं बेचने और सब्जी बेचकर जीविका चलाने के लिए कहा और उसे घर भेज दिया. शिवरानी ने कहा कि मुझे पढ़ना है. प्रशासन मेरा स्कूल में एडमिशन करा दे.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version