सरगुजा खेती के तकनीकों की जानकारी दी गयी
सरगुजा खेती के तकनीकों की जानकारी दी गयी
घाघरा. प्रखंड के डुको गांव में वर्ष 2025-26 के अंतर्गत क्लस्टर फ्रंट लाइन डेमोस्ट्रेशन कार्यक्रम के तहत जाटगी की उन्नत किस्म बिरसा सरगुजा-3 पर एक दिवसीय प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में क्षेत्र के 26 किसानों ने भाग लेकर सरगुजा खेती तकनीकों की जानकारी प्राप्त की. इंजीनियर एनो राई ने कहा कि नाइजर जैसी तेलहन फसलों को बढ़ावा देकर किसान कम लागत में अधिक लाभ कमा सकते हैं. उन्होंने तकनीकों को अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि वैज्ञानिक सलाह के अनुसार खेती करने से उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में वृद्धि होती है. कार्यक्रम में अटल बिहारी तिवारी द्वारा क्लस्टर फ्रंटलाइन डेमोस्ट्रेशन के अंतर्गत किस्म बिरसा नाइजर की विशेषताओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बिरसा नाइजर- 3 किस्म मध्यम अवधि में तैयार होने वाली, अधिक शाखायुक्त तथा अधिक उपज देने वाली किस्म है. इसके दानों में तेल की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक पायी जाती है. यह किस्म झारखंड की जलवायु के अनुकूल है. सामान्य रोगों व कीटों के प्रति सहनशील मानी जाती है. अटल बिहारी तिवारी ने यह भी बताया कि सीएफएलडी कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत किस्मों व आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रत्यक्ष प्रदर्शन कराना है, जिससे वे अपने खेतों में नयी तकनीक अपना कर उत्पादन बढ़ा सकें. उन्होंने बुआई का सही समय, संतुलित उर्वरक प्रबंधन, समय पर निराई-गुड़ाई, तथा समेकित कीट प्रबंधन के महत्व को सरल भाषा में समझाया. कार्यक्रम अंतर्गत रिझरेन किंडो, विनय के साथ साथ 26 किसानों ने भाग लिया.
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