इन्फ्लूएंजा को लेकर गुमला में अलर्ट जारी, डीसी ने दिये आवश्यक दिशा निर्देश, जानें क्या है इसके लक्षण

भारत में हर वर्ष सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच3-एन2) पहला जनवरी व मार्च तथा दूसरा मानसून के बाद देखने को मिलता हैं. इसमें मार्च के अंत में कमी आ सकती है.

By Prabhat Khabar | March 21, 2023 2:20 AM

जिला स्वास्थ्य विभाग गुमला की समीक्षा बैठक सोमवार को उपायुक्त सुशांत गौरव की अध्यक्षता में हुई. बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला अंतर्गत संचालित विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं व कार्यों की समीक्षा की गयी. उपायुक्त ने सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच1-एन1, एच3-एन3), टीबी उन्मूलन, कुपोषण उन्मूलन, 15वें वित्त आयोग अंतर्गत बनाये जाने वाले हेल्थ सब सेंटर आदि पर आवश्यक निर्देश दिये. सिविल सर्जन ने सीजनल इन्फ्लूएंजा के संबंध में बताया कि यह सीजनल वायरस से होता है.

विगत कुछ महीनों में दुनिया में सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच3-एन2) के प्रकरण बढ़ रहे हैं. वहीं भारत में हर वर्ष सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच3-एन2) पहला जनवरी व मार्च तथा दूसरा मानसून के बाद देखने को मिलता हैं. इसमें मार्च के अंत में कमी आ सकती है. उन्होंने छोटे बच्चों व बुजुर्ग व्यक्तियों की जिसमें को-मॉर्बिडिटी हो, उन्हें खासतौर पर इस सीजनल इन्फ्लूएंजा से सतर्क रहने की जरूरत है.

इस वायरस की चपेट में आने से सामान्य बुखार, सर्दी, जुकाम, गले में खरास, सांस लेने तकलीफ होना, गले में तकलीफ होना या निमोनिया जैसे लक्षण हो सकते हैं. यदि बुखार हो गया हो और तीन दिन में बुखार कम न हो तो डॉक्टर को दिखायें और उचित चिकित्सीय सलाह लें. इस वायरस से शिकार लोगों के खांसने व छींकने से उसके आसपास रहने वाले भी इसका शिकार हो सकते हैं. इसलिए खांसने व छींकने से बचे.

नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन से धोकर और मास्क पहन कर इससे बचा जा सकता है. इस पर उपायुक्त ने आमजनों से सीजनल इन्फ्लूएंजा से सतर्क रहने की अपील की. साथ ही पंचायत स्तर पर आयोजित वैक्सीनेशन डे पर इसका व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कर जागरूक करने का निर्देश दिया. 15वें वित्त से बनने वाले हेल्थ सब सेंटरों के निर्माण के समय में ही निरीक्षण करते हुए आवश्यकतानुसार बदलाव कराने का निर्देश दिया. बैठक में एसडीओ रवि जेन, सीएस डॉक्टर राजू कच्छप आदि मौजूद थे.

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