पांच दोस्तों ने मिलकर बनाया ऑटोमेटिक सैनिटाइजर डिस्पेंसर मशीन, प्रशासन को सौंपा

गुमला शहर के पांच दोस्तों ने अपनी सोच से कमाल कर दिखाया है. इन युवकों ने ऑटोमेटिक सेनिटाइजर डिस्पेंसर मशीन बनाया है. इस मशीन से हाथों को बड़ी आसानी से सेनिटाइज किया जा सकता है. जिससे हम कोरोना महामारी से बच सकते हैं. गुमला शहर के गगन फोगला, आयुष काबरा, राहुल गोयल, उमंग फोगला व रोशन खंडेलवाल ने मशीन बनाया है.

By AmleshNandan Sinha | April 19, 2020 10:38 PM

दुर्जय पासवान

गुमला शहर के पांच दोस्तों ने अपनी सोच से कमाल कर दिखाया है. इन युवकों ने ऑटोमेटिक सेनिटाइजर डिस्पेंसर मशीन बनाया है. इस मशीन से हाथों को बड़ी आसानी से सेनिटाइज किया जा सकता है. जिससे हम कोरोना महामारी से बच सकते हैं. गुमला शहर के गगन फोगला, आयुष काबरा, राहुल गोयल, उमंग फोगला व रोशन खंडेलवाल ने मशीन बनाया है.

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इन पांचों दोस्तों ने कोरोना संकट के समय ब्रोकन विंग्स नामक संस्था बनाया. इस संस्था के बैनरतले मिलकर युवकों ने पहले मशीन बनाया. इसके बाद गुमला प्रशासन को नि:शुल्क उपलब्ध कराया है. युवाओं द्वारा निर्मित मशीन को देखकर डीसी शशि रंजन सहित सभी अधिकारी प्रभावित व खुश हैं.

डीसी ने ब्रोकन विंग्स के युवा साथियों को मशीन संधारण एवं निर्माण के लिए बधाई देते हुए सभी सरकारी कार्यालयों, बैंक, थाना एवं अस्पताल में ऑटोमेटिक मशीन सुलभ करने का निर्देश दिया है. डीसी ने कहा है कि मशीन का परिचालन पद्धति बहुत ही सरल है. साथ ही यह मशीन सस्ता भी है. इस मशीन का उपयोग कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में सेनिटाइजर के रूप में सफलतापूर्वक किया जा सकता है.

लागत नौ सौ, तीन दिन में बनाया मशीन

ब्रोकन विंग्स के युवाओं ने कहा कि जब देश में कोरोना संकट का खतरा बढ़ गया. लोग मरने लगे. महामारी से बचने के लिए लोगों को छिपना पड़ रहा है. ऐसे समय में हमलोगों ने ऑटोमेटिक सेनिटाइजर डिस्पेंसर मशीन बनाने का निर्णय लिया. तीन दिन में मशीन बन गया. इसमें मात्र नौ सौ रुपये लागत आया है जो कि दूसरे मशीनों से काफी संस्था है. साथ ही हाथ को बड़ी आसानी से सेनिटाइज कर सकते हैं.

दबाव पद्धति पर मशीन काम करता है

यह मशीन दबाव पद्धति पर संधारित है. मशीन के बटन में प्रेशर दिये जाने से ऑटोमेटिक सेनिटाइजर काम करना शुरू कर देता है. इसके द्वारा हाथों का सेनिटाइजेशन बहुत ही सरलता के साथ किया जा सकता है. डीसी शशि रंजन, डीडीसी हरि कुमार केसरी, प्रशिक्षु आईएएस मनीष कुमार के नेतृत्व में संयुक्त रूप से संधारित सेनिटाइजर मशीन का शुभारंभ किया गया. अधिकारियों ने अपने-अपने हाथों को सेनिटाइज कर मशीन का सदुपयोग किया.

भूखों को भोजन भी करा रहे युवा

ब्रोकन विंग्स के युवा कोरोना संकट में रियल कोरोना फाइटर के रूप में काम कर रहे हैं. लॉक डाउन के समय से गरीबों की मदद कर रहे हैं. किसी को अनाज दे रहे हैं तो किसी को भोजन करा रहे हैं. जहां जरूरत पड़ रही है. वहां ये युवा मदद कर रहे हैं.

ब्रोकन विंग्स के युवाओं ने कहा कि मशीन बनाने के लिए पहले इसका डिजाइन तैयार किया. इसके बाद इसे बनाने का काम शुरू किया. तीन दिन में मशीन बन गया. पहले हमलोगों ने इस्तेमाल किया. इसके बाद इस मशीन को देशहित में प्रशासन को सौंपा.

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